संयमपूर्ण जीवनशैली सुखी जीवन का रहस्य
इस्लामपुर।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मारवाड़ी युवा मंच एवं एकता शाखा द्वारा तनाव मुक्त जीवन शैली कार्यशाला का आयोजन हुआ। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि तनाव के अनेक कारण हैं। जो तनाव में जीता है, उसे पता होता है कि तनाव के कितने कारण होते हैं। आज की जिंदगी प्रतिस्पर्धा की है, भाग-दौड़ की जीवनशैली, आगे बढ़ने की अंधी दौड़ है, होड़ में व्यक्ति दूसरों को गिराकर आगे बढ़ना चाहता है। जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो सही रास्ते से आगे बढ़ें। अपनी योग्यता बढ़ेगी तो व्यक्ति सफलता के मुकाम पर पहुँच जाता है। व्यक्ति को न तो हीन भावना में रहना चाहिए और न ही उच्च भावना में रहना चाहिए। क्रोध हमारे जीवन में अशांति का एक प्रमुख कारण है। क्रोध के कारण हम अपने व्यवहार और आचरण में ठीक से बर्ताव नहीं कर पाते हैं। हमारी सोच का प्रभाव हमारे व्यवहार पर पड़ता है। व्यवहार ही व्यक्ति की पहचान है। सुखी जीवन का रहस्य इंद्रियों का संयम है। सर्वेन्द्रिय संयम का प्रयोग व्यक्ति को तनाव मुक्त बनाता है।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि आज के समय में हर व्यक्ति तनाव में जी रहा है। छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक तनाव को अपना साथी बना लिया है। तनाव से मुक्त जीवन जीने के लिए अपनी चिंतन को सकारात्मक बनाएँ। ध्यान के प्रयोग के द्वारा शांति, सुकून का जीवन जिएँ। वर्तमान में जीने का प्रयास करें। व्यक्ति भूत और भविष्य के चिंतन में वर्तमान का आनंद भूल जाता है। तनाव में व्यक्ति की सोचने, समझने, निर्णय लेने की और विवेक की शक्ति नष्ट हो जाती है। आनंदपूर्ण जीवन जीने के लिए साधन नहीं बल्कि साधना की आवश्यकता होती है। तेयुप के मंत्री मुदित पींचा ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। मारवाड़ी युवा मंच अध्यक्ष सत्यनारायण अग्रवाल, पश्चिम बंगाल सिक्किम प्रांतीय अध्यक्ष मोहित अग्रवाल, एकता साखा अध्यक्ष प्रियंका भंडारी ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ युवा वाहिनी के राष्ट्रीय प्रभारी विकास बोथरा ने किया।