मनुष्य में ज्ञान व सद्गुणों का विकास हो: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

मनुष्य में ज्ञान व सद्गुणों का विकास हो: आचार्यश्री महाश्रमण

पालघर, 2 जून, 2023
मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मंगल देशना प्रदान करते हुए फरमाया कि दुनिया में ज्ञान का बहुत महत्त्व है। अध्यात्म के क्षेत्र और व्यवहार के साथ ही समाज के क्षेत्र में भी ज्ञान का महत्त्व है। ज्ञान कुछ भीतर से पैदा हो सकता है, तो स्वाध्याय व अध्ययन के द्वारा भी अर्जित किया जा सकता है। जीवन का एक पक्ष है-ज्ञान और दूसरा पक्ष है-आचार। विद्यालयों में ज्ञान दिया जाता है। विद्यार्थियों में कोरा ज्ञान ही नहीं, अच्छे संस्कार भी पुष्ट हों। ज्ञान और आचार दोनों अच्छे हैं, तो आदमी को अच्छी संपदा प्राप्त हो गई। बाहरी सौंदर्य कम महत्त्वपूर्ण है। उससे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि ज्ञान का सौंदर्य कितना है। विद्वता-पांडित्य और चारित्र कितना सुंदर है, उसका महत्त्व है।
रूप का मूल्य कम है, गुणवत्ता का मूल्य ज्यादा है। आदमी में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति रहे। आदमी जन्म से नहीं कर्म से बड़ा बनता है। हमारे जीवन में ज्ञान का वैदुष्य बढ़े और साथ में सद्गुण संपन्नता हो। इंसान पहले इंसान, फिर हिंदू या मुसलमान है। सबसे मैत्री भाव रखें। मंच के नीचे बैठने वाला भी महान व्यक्ति बन सकता है।
अणुव्रत व प्रेक्षाध्यान से आदमी महानता की दिशा में आगे बढ़ सकता है। मानव जन्म दुर्लभ बताया गया है, वो हमें उपलब्ध है, इसका अच्छा उपयोग करना चाहिए। संतों की संगति करें, अच्छा साहित्य पढ़ें। आदमी के जीवन में एक संयम आ जाए तो गुणों का विकास हो सकता है।
किसी धर्म, जाति या देश का व्यक्ति क्यों न हो, जीवन में सद्गुणता है, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् चारित्र है, वो अच्छा व्यक्ति हो सकता है। महान आत्मा वाला महात्मा ही होता है। ज्ञान और आचार का हमारे जीवन में विकास हो, फिर कपड़े कैसे भी हों, जीवन में महानता रह सकती है। पालघर में भी सबमें सद्गुण संपन्नता का विकास हो।साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि संसार में दुखों की शृंखला-सी चल रही है। जन्म, जरा-रोग, बुढ़ापा और मृत्यु दुःख हैं। पर संसार रूपीवृक्ष के दो फल अमृत के समान हैं-(1) काव्य के रस का आस्वाद लेना, (2) सज्जन व्यक्तियों की सन्निधि। सत्-संगत तो अपूर्व दीपक है। जो पुण्योदय से उपलब्ध होता है।
पूज्यप्रवर के स्वागत में स्थानीय सभाध्यक्ष देवीलाल सिंघवी पालघर नगराध्यक्षा उज्ज्वला काले, आमदार श्रीनिवास, वणगा, मौलाना शंकर हक, स्थानकवासी समाज से शांतिलाल जैन ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल, अणुव्रत समिति द्वारा आगंतुक मेहमानों का सम्मान किया गया। ज्ञानशाला की संुदर प्रस्तुति हुई। अणुव्रत एक्सप्रेस के 11 कोचों का प्रदर्शन हुआ। पूज्यप्रवर ने नशामुक्ति के संकल्प करवाए। अनेक धर्म-संप्रदाय के प्रतिनिधियों ने पूज्यप्रवर के दर्शन किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।