तप अभिनंदन समारोह का आयोजन

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तप अभिनंदन समारोह का आयोजन

राजनगर
आचार्य महाश्रमण की विदुषी सुशिष्या डॉ साध्वी परमयशा के सान्निध्य में कैलाशदेवी के 13 दिन की तपस्या के अभिनंदन कार्यक्रम का समायोजन हुआ। डॉ साध्वी परमयशा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिनशासन का प्राण है तपस्या। आत्मा का कल्याण है तपस्या। भिक्षु गण का वरदान है तपस्या। तपस्या कायरों का नहीं, शूरवीरों का काम है। इसलिए आज यह उत्सव नयनाभिराम है।
कैलाश देवी ने तप का दीप जलाया है, मादरेचा परिवार का मन हरसाया है गुरुकुल की सेवा का मेवा पाया है।।
साध्वीश्री ने कैलाश देवी के तपस्या के संदर्भ में फरमाया कि आपका मनोबल और आत्मबल सराहनीय है। आपका संकल्पबल और तपोबल प्रशंसनीय है। आपका धैर्यबल और अध्यात्मबल अनुकरणीय है। आपका स्वभाव और संयमबल लाजवाब है। मादरेचा परिवार कैलाश देवी की 13 की तपस्या से गौरवान्वित है। आपने मादरेचा परिवार का नाम रोशन किया है। भिक्षु शासन का सुयश बढ़ाया है। जिनशासन की गरिमा को महकाया है। गुरुकुल की सेवा का आप अदभूत आनंद लेते हो, यह सौभाग्य का इतिहास है। आप मंगलकारी तप करते रहो। साताकारी साधना करते रहो। भिक्षु शासन की कीर्ति पताका फहराते रहो।
कार्यक्रम में साध्वीवृंद ने ‘भिक्षु के नंदनवन में हर्ष मनाएं, तेरापंथ में 13 करके रंगोली बनाएं’ गीत का संगान किया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री ने नमस्कार महामंत्र से करते हुए ‘जय महावीर भगवान’ गीत का संगान किया। तपोत्सव कार्यक्रम का मंगलाचरण मोनिका मादरेचा ने अपनी मधुर स्वर लहरियों के साथ किया। कार्यक्रम में पारिवारिकजन, ज्ञान मादरेचा, परिवार की बहुएं, पीहर पक्ष, नन्हे कलाकारों ने अपने भावों की अभिव्यक्ति वक्तव्य, गीत व सुंदर रोचक प्रस्तुति से दी। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष ख्यालीलाल चपलोत, लता मादरेचा, मंजू बड़ाला ने भी तपोत्सव पर अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन विनोद बड़ाला ने किया और आभार ज्ञापन भूपेन्द्र मादरेचा ने किया।