आचार्य श्री तुलसी के 27वें महाप्रयाण दिवस के आयोजन

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आचार्य श्री तुलसी के 27वें महाप्रयाण दिवस के आयोजन

राजराजेश्वरी नगर
तेरापंथ धर्मसंघ के नवमाधिशास्ता गणाधिपति गुरुदेवश्री तुलसी का 27वां महाप्रयाण दिवस का आयोजन विसर्जन दिवस के रूप में राजराजेश्वरी नगर महिला मंडल द्वारा किया गया। सर्वप्रथम तुलसी अष्टकम की स्तुति से मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। अध्यक्ष लता बाफना ने सभी बहनों का स्वागत करते हुए आचार्यश्री तुलसी द्वारा प्रदत्त अवदानों का उल्लेख कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित संकल्प पत्र के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की एवं बहनों को संकल्पित होने की प्रेरणा दी। हेमलता सुराना ने तुलसी-स्तुति का जप करवाया। उपासिका कंचन छाजेड़ ने ध्यान का प्रयोग करवाया। प्रमुख वक्ता सरोज आर बैद ने विसर्जन दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अर्जन की पराकाष्ठा ही विसर्जन का आधार है। आचार्यश्री तुलसी की पद के प्रति अनासक्ति की भावना की फलश्रुति है उनका आचार्यपद विसर्जन, जो बन गया एक विलक्षण इतिहास। संरक्षिका गुलाबदेवी छाजेड़ ने कहा कि हमें दान शब्द को विभिन्न दृष्टिकोण से देखना चाहिए तथा बिना किसी दुराग्रह के समरसता के माहौल का निर्माण करना चाहिए तभी एक स्वस्थ रिश्ते की नींव पड़ेगी।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित विषय ‘कन्यादान आखिर क्यों?’ पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मधु कटारिया ने विषय के संदर्भ में अपने विचार रखते हुए प्रतियोगिता की जानकारी प्रदान की। बहिनों ने विषय पर अपने विचार रखे, जिसमें प्रथम स्थान पर सुधा दुगड़, द्वितीय हेमलता सुराणा, रुचिका पटावरी एवं तृतीय सरोज बोथरा रही। निर्णायक के रूप में विजयलक्ष्मी मणोत एवं बीना कोठारी ने सेवा प्रदान की। मंच का कुशल संचालन श्वेता कोठारी ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका उपाध्यक्ष सुमन पटवारी ने आभार व्यक्त किया।