अर्हम

अर्हम

अनशन धारयो पार उतारयो मुनिवर अजयप्रकाशजी
जीवन सुधार्याे देखो संातरो
तेरापंथ संघ में देखो किन्हो बहुत विकासजी
तप भी किन्हो भांत-भांत रो
जनम लियो पिपाड़ सिटी में माता सज्जन देवीजी
पिताश्री माणकचंदजी नाम हो
पत्नी-पुत्री सह दीक्षित हो बगाया शासन सेवीजी
कियो है ओ तो मोटो कामजी
दीक्षित होकर अपणो जीवन झोंक्यो तप-जप मांहीजी
सोच्यो अब करणो निज कल्याणजी
समता-समभावां स्यंू सेवा सहिष्णुता अपणाईजी
मानो किन्हो साचो रसपानजी
मौन ध्यान स्वाध्याय आय स्यूं सदा खजानो है भरयो
जीवन जीयो है अपणो शान स्यूं
रह्या अजेय मुनि अजय प्रकाश काम अनूठो है कर्याे
तन्मय बण रह्या है अपणै ज्ञान स्यूं
मुनि धर्मेश सम्बोधि उपवन में संथारे पचक्खायो
पूर्णकरी है मुनि री भावना
धीरज धरणै स्यूं ही देखो आछो अनशन है आयो
फलगी है मन री सारी कामना
आर्यप्रवर श्री महाप्रज्ञ स्यूं दीक्षित उधना शहर में
महर प्रभुवर री पाई है सदा
ज्योतिचरण श्री महाश्रमण री किरपा दिल में ही जमे
चौतन्य ‘अमन’ पावै है सर्वदा।

लय: आओ आओ भिक्षु स्वामी