असीम क्षमताओं के धनी थे आचार्य तुलसी
सूरत
तेरापंथ भवन सिटी लाइट सूरत में मुनि उदितकुमारजी के सान्निध्य एवं तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में आचार्यश्री तुलसी महाप्रयाण दिवस का भव्य आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुनि उदितकुमारजी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा-आचार्यश्री तुलसी अपने युग के सर्वाधिक चर्चित जैनाचार्य थे। उनके कर्तृत्व के किस्से आज भी अनेकों की जबान पर मुखरित है। उनकी क्षमताएं असीम थी। वह अपनी क्षमताओं का बहुत अच्छा उपयोग करना भी जानते थे।
प्रत्येक क्षेत्र में सफलता उनकी बाट निहारती मिलती थी। उन्होंने जितनी लंबी पदयात्रा की, आध्यात्मिक क्षेत्र में जितना जनमानस को झकझोरा तथा किसान से लेकर राष्ट्र के सर्वेाच्च व्यक्तियों तक को जितना प्रभावित किया शायद ही किसी भी धर्म के अन्य किसी धर्माचार्य ने ऐसा किया हो। जीवन के नौवें दशक में भी वे इतने सक्रिय एवं क्रियाशील थे कि युवक भी उनकी बराबरी नहीं कर सकते थे। जितनी सक्रियता के साथ उन्होंने आचार्य पदभार की चादर ओढ़ी उतनी ही सक्रियता के साथ उसका विसर्जन कर सबको चौंका दिया और एक नया इतिहास रच दिया।
आचार्य पदभार का विसर्जन कर सबके लिए एक नया दृश्य सर्जित कर दिया। उनकी पुण्यतिथि पर अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित यह विसर्जन दिवस संदेश देता है कि उस महापुरुष के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर हर व्यक्ति अपने जीवन में विसर्जन की चेतना का जागरण करें और उसका विकास कर अपने समाज, परिवार तथा देश के लिए उपयोगी बन सके। मुनिश्री ने कई प्रासंगिक प्रसंग सुनाकर जनता को भावविभोर बना दिया।
मुनि अनंतकुमारजी ने भी अपने प्रासंगिक विचार रखे। मुनि ज्योतिर्मयकुमारजी ने आचार्य तुलसी के प्रति अपनी श्रद्धासिक्त भावांजलि अर्पित की। मुनि रम्यकुमारजी ने आचार्य तुलसी का जप करवाया।
इस अवसर पर जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा सूरत के मंत्री अनुराग कोठारी, तेरापंथ युवक परिषद् सूरत के मंत्री अभिनंदन गादिया, तेरापंथ महिला मंडल सूरत की उपाध्यक्ष श्रीमती चंदा भोगर ने गुरुदेव तुलसी के संदर्भ में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल द्वारा तुलसी अष्टकम के मंगल संगान द्वारा हुआ। आभार ज्ञापन तेरापंथ महिला मंडल सूरत की सहमंत्री श्रीमती ज्योति पटावरी ने किया। कार्यक्रम में उल्लेखनीय उपस्थिति थी। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ महिला मंडल सूरत की मंत्री श्रीमती सीमा भोगर ने किया।