अवबोध

स्वाध्याय

अवबोध

प्रश्न 20. कर्म के दृष्टान्त कौन से हैं?
उत्तर : कर्म के आठ दृष्टान्त हैं-
ज्ञानावरणीय कर्म - आंख की पट्टी के समान दर्शनावरणीय कर्म - प्रहरी के समान
वेदनीय कर्म - मधुलिप्त तलवार की धार के समान मोहनीय कर्म - मद्यपान के समान
आयुष्य कर्म - खोड़े के समान नाम कर्म - चित्रकार के समान
गोत्र कर्म - कुम्हार के समान अंतराय कर्म - भंडारी (कोषाध्यक्ष) के समान

प्रश्न 20. कषाय के सोलह उदाहरण कौन से हैं?
उत्तर : कषाय के सोलह उदाहरण हैं-
अनन्तानुबंधी क्रोध - पत्थर की रेखा के समान अनन्तानुबंधी मान - पत्थर के स्तम्भ के समान
अनन्तानुबंधी माया - बांस की जड़ के समान अनन्तानुबंधी लोभ - मि - रेशम के रंग के समान
अप्रत्याख्यानी क्रोध - भूमि की रेखा के समान अप्रत्याख्यानी मान - अस्थि के स्तम्भ के समान
अप्रत्याख्यानी माया - मेंढ़े के सींग के समान अप्रत्याख्यानी लोभ - कीचड़ के रंग के समान
प्रत्याख्यानी क्रोध - बालू की रेखा के समान प्रत्याख्यानी मान - काष्ठ के स्तम्भ के समान
प्रत्याख्यानी माया - चलते बैल के मूत्र की धार के समान प्रत्याख्यानी लोभ - गाड़ी के खंजन के समान
संज्वलन क्रोध - जल की रेखा के समान संज्वलन मान - लता के स्तम्भ के समान
संज्वलन माया - छिले हुए बांस की छाल के समान संज्वलन लोभ - हल्दी के रंग के समान (क्रमश:)