दृढ़ संकल्प शक्ति के पुरोधा थे आचार्यश्री तुलसी

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दृढ़ संकल्प शक्ति के पुरोधा थे आचार्यश्री तुलसी

कोटा
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के तत्वाधान एवं तेरापंथ महिला मंडल की ओर से स्टेशन रोड़ स्थित तुलसी कुटीर में तेरापंथ धर्मसंघ के 9वें अधिशास्ता आचार्यश्री तुलसी के 27 वें महाप्रयाण दिवस पर श्रद्धार्पण कार्यक्रम को विसर्जन दिवस के रूप में आयोजित किया गया। इस अवसर पर ‘शासनश्री’ साध्वी धनश्रीजी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि आचार्यश्री तुलसी का जीवन सम्पूर्ण युवाओं, महिलाओं के लिए आदर्श एवं प्रेरणा स्त्रोत है। आचार्य तुलसी के विचारों में स्वस्थता, आचरण में पवित्रता, चिंतन में विशालता, लक्ष्य के प्रति जागरूकता थी। वो धैर्य, संयम, अनुशासन एवं दृढ़संकल्प के पुरोधा थे। उनके विचार मानव को स्वस्थ सोच प्रदान करते थे। एक विशाल धर्मसंघ के आचार्य होने पर भी वो अपने परिचय पर कहते थे- पहले में मानव हूं फिर में जैन हूं उसके पश्चात साधू हूं। उनकी सादगी जन-जन को आकर्षित करती थी। उन्होंने जैन धर्म को जन-जन का धर्म कहा।
साध्वी शीलयशाजी, साध्वी सलिल यशाजी, साध्वी विदितप्रभाजी सहित सभा अध्यक्ष संजय बोथरा, अणुव्रत समिति मंत्री भूपेंद्र बरड़िया, वरिष्ठ श्रावक अनिल जैन, तेयुप अध्यक्ष आनंद दुग्गड़, महिला मंडल मंत्री सुनीता जैन ज्ञानशाला की सरिता बरड़िया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। इससे पूर्व महिला मंडल की मंजू जैन, मधु जैन, श्वेता जैन, स्वाति मेहता, अनिता बरड़िया ने मंगलाचरण व रोचक परिसंवाद कार्यक्रम की मंगलमय प्रस्तुति दी एवं महिला मंडल की उषा बाफना, सुनीता जैन, रुचि जैन, चंद्रप्रभा जैन, कविता जैन ने कर्णप्रिय गीत का संगान किया। कन्या मंडल एवं ज्ञानशाला की बालिकाओं की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। सभा मंत्री धरमचंद जैन ने पधारे हुए आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी सलिलयशाजी ने किया ।