चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

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चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

पर्वत पाटिया
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी हिमश्रीजी, शासनश्री साध्वी रमावतीजी आदि ठाणा का चतुर्मासिक मंगल प्रवेश तेरापंथ भवन पर्वत पाटिया में भव्य अनुशासन रैली के साथ बड़े उत्साह एवं हर्षाेल्लास के साथ जैन संस्कारकगण द्वारा मंगल मंत्रोच्चार द्वारा हुआ। साध्वी हिमश्रीजी ने नमस्कार महामंत्र के मंगलाचरण से चतुर्मासिक प्रवेश कार्यक्रम की शुरुआत की। सभा अध्यक्ष गौतमचंद ढ़ेलड़िया ने सभी साध्वीवृंद एवं पधारे हुए महानुभवों का स्वागत-अभिनंदन किया। सम्पूर्ण श्रावक समाज के समक्ष सभी साध्वीवृंद का परिचय तेयुप निवर्तमान मंत्री विनय जैन ने दिया।
साध्वी हिमश्रीजी एवं शासनश्री साध्वी रमावतीजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि साध्वीप्रमुखा विश्रुत विभाजी ने अपने कथन में फरमाया था कि पर्वत पाटिया क्षेत्र के श्रावकगण निष्ठावान तथा जागरूक हैं। यहां प्रायः तपस्या की गंगा बहती रहती है। यहां के श्रावक जप एवं तप के लिए सदैव तैयार रहते हैं एवं विशेषतः रुचि भी रखते हैं तथा यहां ऐसे तपस्वी रत्न हैं, जो बड़ी से बड़ी तपस्या का लक्ष्य भी सरलता से आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। अतः ऐसे तपस्वी क्षेत्र में चातुर्मास बड़ा ही मंगलकारी साबित होगा।
तेरापंथ युवक परिषद् के नव मनोनीत अध्यक्ष दिलीप चावत, महिला मंडल अध्यक्षा ललिता पारख, आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति अध्यक्ष संजय सुराणा, गरिमा घोड़ावत, डोली कावड़िया, सूरत सभा मंत्री मुकेश बैद, लिंबायत सभा अध्यक्ष रतनलाल भालावत, चलथान अध्यक्ष सुरेश पितलिया, महिला मंडल उधना, कन्या मंडल, महासभा सहमंत्री अनिल चंडालिया एवं ज्ञान कोठारी ने अपने-अपने भावों की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। पर्वत पाटिया महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने एक सुंदर गीतिका के संगान के साथ साध्वीवृंद का स्वागत- अभिनंदन किया। सभा मंत्री प्रदीप गंग ने चातुर्मासिक मंगल प्रवेश पर पधारे हुए सभी महानुभावों का आभार ज्ञापन किया। चतुर्मासिक मंगल प्रवेश कार्यक्रम का कुशल संचालन तेयुप पूर्व अध्यक्ष एवं उपासक चंद्रप्रकाश परमार ने किया।