योग सर्वांगीण विकास की प्राचीन साधना है

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योग सर्वांगीण विकास की प्राचीन साधना है

भीलवाड़ा
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के शिष्य मुनि पारसकुमारजी के सान्निध्य एवं मुनि सि(प्रज्ञजी के निर्देशन में जयाचार्य भवन में भिक्षु विहार संस्थान एवं तेरापंथ सभा की ओर से योग दिवस आयोजित किया गया। मुनि सि(प्रज्ञजी ने योग प्रशिक्षण देने हेतु कहा कि योग का अर्थ केवल योगासन ही नहीं है। योग का अर्थ हैµ अप्राप्त की प्राप्ति। प्राप्त को ही पर्याप्त। इस अवसर पर मुनि सि(प्रज्ञजी ने योगिक क्रिया, आसन, प्राणायाम, कायोत्सर्ग, श्वास प्रेक्षा, ज्योति केंद्र प्रेक्षा, संकल्प, हास्य योग आदि के प्रयोग कराए। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल भीलवाड़ा द्वारा प्रेक्षाध्यान गीत से हुआ। भिक्षु सेवा संस्थान के अध्यक्ष दिलीप मेहता ने स्वागत एवं मंत्री दिनेश गोखरू ने आभार ज्ञापित किया। सभी ने अच्छी रूचि से भाग लिया।