अणुव्रत समिति का गठन

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अणुव्रत समिति का गठन

सिरियारी।
20 मई की सुबह नए इतिहास के सृजन का साक्षी रहा। आचार्यप्रवर द्वारा घोषित अणुव्रत वर्ष के उपलक्ष्य में स्वामी जी की साधना व अनशन स्थली सिरियारी में पहली बार अणुव्रत का आगाज हुआ। मुनि आकाश कुमार जी व मुनि हितेंद्र कुमार जी की प्रेरणा व पहल से सिरियारी संस्थान के करीब 30 से ज्यादा स्टॉफ ने अणुव्रत के नियमों को स्वीकार किया तथा संस्थान से ही जुड़े हुए पत्रकार प्रकाश परिहार को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया गया तथा डॉ0 बी0एल0 शर्मा जो काफी वर्षों से सिरियारी में चिकित्सकीय देखरेख में सक्रिय हैं तथा साधु-साध्वियों की सेवा में विशेष रूप से संलग्न हैं, उनको उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया।
अध्यक्ष प्रकाश ने अपनी पूरी टीम की घोषणा की। कार्यक्रम में उपस्थित अणुव्रत महासमिति के पूर्वाध्यक्ष अशोक डूंगरवाल ने उन्हें शपथ दिलाई तथा अणुव्रत के बारे में विस्तार से उद्भव और विकास के बारे में समझाया। मुनि आकाश कुमार जी ने अणुव्रत क्या है? और इसकी अपेक्षा क्यों है? तथा हमें अणुव्रत क्यों अपनाना चाहिए। विषय पर संक्षेप व सारगर्भित वक्तव्य दिया। मुनि हितेंद्र कुमार जी ने सरल भाषा में अणुव्रत को विश्लेषित किया। तथा ज्यादा से ज्यादा अणुव्रती बनने की प्रेरणा दी। वहाँ कार्यक्रम में उपस्थित करीब सभी 30 लोगों ने अणुव्रत को स्वीकार किया तथा आभार प्रकट संस्थान के मैनेजर महावीर सिंह ने किया।