अज्ञ से प्रज्ञ, प्रज्ञ से महाप्रज्ञ बनने की रोचक कहानी का नाम आचार्य महाप्रज्ञ
विवेक विहार, दिल्ली।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में राम मंदिर के पांगण में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का जन्म दिवस प्रज्ञा दिवस के रूप में आयोजित हुआ। शाहदरा सभा द्वारा आयोजित ‘अभिवंदना प्रज्ञा के महासूर्य की’ कार्यक्रम में निगम पार्षद पंकज लूथरा, दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, विकास परिषद् के पूर्व संयोजक मांगीलाल सेठिया तथा राम मंदिर के वरिष्ठ राम भक्तों की उपस्थिति रही। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि आज के दिन टमकोर की रत्नगर्भा वसुंधरा पर एक अलौकिक प्रज्ञा पुरुष का अवतरण हुआ, जिसने अपनी प्रज्ञा रश्मियों से जैन समाज को ही नहीं मानव जाति को आलोकित किया। अज्ञ से प्रज्ञ एवं प्रज्ञ से महाप्रज्ञ बनने की रोचक कहानी का नाम है आचार्यश्री महाप्रज्ञ। महाप्रज्ञवर के गुणों को आत्मसात कर हम उनका जन्म दिवस मनाएँ। यही हमारे जीवन की सार्थकता होगी।
साध्वी कर्णिकाश्री जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जी महायोगी, महाध्यानी, महासाधक एवं प्रज्ञा के अवतार थे। डॉ0 साध्वी सुधाप्रभा जी ने मंच संचालन किया। साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जी आत्मदृष्टा, भविष्य दृष्टा एवं युगदृष्टा थे। शाहदरा सभाध्यक्ष पन्नालाल बैद, विद्या भारती स्कूल के सेक्रेटरी आलम अली, कल्पना सेठिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। महिला मंडल के कार्यकाल का सुमधुर स्वर लहरी के साथ मंगल संगान कर वातावरण को मंगलमय बनाया।