आचार्य भिक्षु के जन्म दिवस एवं बोधि दिवस के विविध आयोजन

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आचार्य भिक्षु के जन्म दिवस एवं बोधि दिवस के विविध आयोजन

उधना
मुनि उदित कुमार जी तेरापंथ भवन में चातुर्मासार्थ विराज रहे हैं। उनके सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के संस्थापक आचार्यश्री भिक्षु के 298वें जन्म दिवस एवं 266वें बोधि दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुनि उदित कुमार जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु एक विलक्षण महापुरुष थे। किसी व्यक्ति का जन्म होना यह महत्त्वपूर्ण घटना नहीं है। जन्म और मृत्यु तो प्रत्येक जीव के लिए अवश्यंभावी है। मनुष्य कैसा जीवन जीता है, यह बात महत्त्वपूर्ण होती है। आचार्य भिक्षु का समग्र जीवन साधना की उत्तम गाथा है। उन्होंने अनेक कष्टों को हँसते-हँसते सहन किया। उन्हें कई दिनों तक भोजन-पानी भी नहीं मिला तो तपस्या करते रहे। लेकिन अपने सिद्धांतों से कभी भी विचलित नहीं हुए।
वास्तव में आचार्य भिक्षु महान आलोक पुरुष थे। उन्होंने जो रेखाएँ खींची वे सभी के लिए पथदर्शक बन गई। मुनिश्री ने आगे कहा कि आचार्य भिक्षु की बुद्धि संपदा एवं तर्कशक्ति भी अद्भुत थी। मुनि अनंत कुमार जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु शुद्ध साधुत्व के पालन का आग्रह रखते थे। शिथिलाचार उन्हें पसंद नहीं था। उन्होंने सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं किया। वे भगवान महावीर के दर्शन के प्रखर पुरस्कर्ता थे। अणुव्रत विश्व भारती के गुजरात राज्य प्रभारी अर्जुन मेड़तवाल ने स्वरचित मुक्तकों के साथ प्रासंगिक अभिव्यक्ति की। मंगलाचरण तेममं ने किया। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री सुरेश चपलोत ने किया।