आचार्य भिक्षु के जन्म दिवस एवं बोधि दिवस के विविध आयोजन

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आचार्य भिक्षु के जन्म दिवस एवं बोधि दिवस के विविध आयोजन

सिटीलाइट
साध्वी त्रिशला कुमारी जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, सिटीलाइट में तेरापंथ स्थापना दिवस के त्रिदिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत आचार्य भिक्षु जन्म दिवस एवं बोधि दिवस का कार्यक्रम आयोजित हुआ। चातुर्मासिक चतुर्दशी होने से साध्वीवृंद द्वारा मर्यादाओं का वाचन किया। अणुव्रत समिति ग्रेटर सूरत का शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित हुआ। साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में चातुर्मास को धर्माराधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है। जैन परंपरा में तो वर्षा ऋतु के चतुर्मास का विशेष महत्त्व रहा है। चातुर्मास में ध्यान-साधना, जप-तप आदि द्वारा आत्मा को भावित किया जाता है। चातुर्मास वास्तव में कषायों से मुक्त होने का एवं आत्मा की प्रदक्षिणा करने का अवसर है।
साध्वी संप्रतिप्रभा जी ने पाँच प्रकार के ‘प’µपरमेष्ठी वंदना, प्रतिक्रमण, प्रायश्चित, प्रत्याख्यान एवं परोपकार की महत्ता प्रतिपादित की। साध्वी रश्मिप्रभा जी ने सुंदर गीत का संगान किया। साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने इस अवसर पर अणुव्रत अभियान को पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी का वरदान बताया। अणुविभा उपाध्यक्ष राजेश सुराणा ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया एवं उसकी आवश्यकता बताई। निवर्तमान अध्यक्ष विजय कांत खटेड़ ने नव मनोनीत अध्यक्ष विमल लोढ़ा एवं उनकी टीम को केंद्रीय प्रारूप के अनुसार शपथ विधि करवाई। नव मनोनीत अध्यक्ष विमल लोढ़ा ने स्वागत वक्तव्य दिया।
इस अवसर पर अणुव्रत विश्व भारती के गुजरात राज्य प्रभारी अर्जुन मेड़तवाल, अनिल समदड़िया, रमेश डोडावाला, राकेश चोरड़िया आदि भी उपस्थित थे। सूरत तेरापंथ सभा के मैनेजिंग ट्रस्टी बाबूलाल भोगर ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। मंगलाचरण में अणुव्रत गीत का संगान किया गया। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति के नव मनोनीत मंत्री संजय बोथरा एवं आभार ज्ञापन पूर्व मंत्री सुनील श्रीमाल ने किया।