तपाभिनंदन समारोह का आयोजन

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तपाभिनंदन समारोह का आयोजन

सिवानी।
शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में तेरापंथ भवन में तपाभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सभा अध्यक्ष रतनलाल जैन ने तपस्वियों के तप का अभिनंदन किया। साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर की वाणी है अहिंसा मंगल है, संयम मंगल है, तप भी मंगल है, तप से आत्मशोधन होता है। जो तत्काल पवित्र बना दे वह तप है, तपे बिना दूध से मक्खन नहीं निकलता, तपे बिना आटे की रोटी नहीं बनती, तपे बिना कुम्भकार घड़ा नहीं बना सकता। तपे बिना स्वर्ण कुंदन नहीं
बन सकता। तपस्वी शुभभावों से तपस्या करे, मनोबल से आगे बढ़े, गतिमान कदमों से शिखर तक की यात्रा करे, यह तप का, ओज का, शक्ति का, आरोग्य का अभिनंदन है। साध्वीवृंद ने सुमधुर गीत का संगान किया। सरिता बंसल एवं रेखा जैन ने गीतिका प्रस्तुत की। अमित जैन, उपासक श्यामसुखा जैन आदि ने तप की अनुमोदना में अपने विचार प्रस्तुत किए। ऋतु जैन, गोकुल जैन, पिंकी जैन, हेमलता जैन, बलवंत जैन ने अठाई की तपस्या की। सभा की ओर से रतनलाल जैन, अमित जैन, संजीव जैन, राजेश जैन, विनोद गोयल उमेद आदि ने तपस्वियों का साहित्य से सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुमंगला जी ने किया।