चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन

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चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन

तिरुपुर
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी का तिरुपुर तेरापंथ भवन में रैली के साथ चातुर्मासिक मंगलप्रवेश हुआ। इस अवसर पर साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि फागुन आता है, बसंती बहार लिए, सावण मेघों की मल्हार लिए आता है और संत खुशियों का त्योहार लिए आता है। साधु-संत संस्कृति के प्रतीक, परंपरा के संवाहक होते हैं, जीवनकाल के मर्मज्ञ और ज्ञान के रत्नद्वीप होते हैं। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि सूर्य का धर्म प्रकाश देना, जल का धर्म शीतलता देना, अग्नि का धर्म उष्णता प्रदान करना है, वैसे ही संत का धर्म कषाय के दलदल में घुसी आत्माओं को प्रतीति कराकर सन्मार्ग प्रदान करने का है। साध्वी मेरुप्रभा जी एवं साध्वी दक्षप्रभा जी ने गीतिका प्रस्तुत की।
अमरदीप एन्क्लेव से रैली प्रारंभ हुई। जयघोषों के साथ तेरापंथ भवन पदार्पण हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तिरुपुर सभा के अध्यक्ष अनिल आंचलिया ने दिया। साध्वीवृंद का परिचय जितेंद्र भंसाली ने दिया। महिला मंडल की अध्यक्षा सीमा श्यामसुखा ने अपनी प्रस्तुति दी। तेयुप के अध्यक्ष सोनू डागा ने अपने विचार रखे। तेममं एवं तेयुप द्वारा सामुहिक गीतिका का संगान किया गया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। आभार ज्ञापन सभा मंत्री मनोज भंसाली ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन शांतिलाल झाबक ने किया।