नई ऊर्जा का संचार करती है संगीत की साधना
छोटी खाटू।
मानवीय चेतना के तारों को झंकृत कर नई ऊर्जा का संचार करती है संगीत की साधना। संगीत उस साधना का नाम है, जिसके सुरों की सुमधुर ताल न केवल हर व्यक्ति के दिलों-दिमाग को हमेशा ताजा रखती है, अपितु मानवीय चेतना के तारों को झंकृत कर नई ऊर्जा का संचार करती है। उक्त विचार साध्वी संघप्रभा जी ने स्थानीय तेरापंथ भवन में आयोजित संगीत प्रतियोगिता के संदर्भ में व्यक्त किए।
साध्वीश्री जी ने कहा कि सभी प्रतियोगियों ने बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण किया। इस आयोजन में साध्वी प्रांशुप्रभा जी की मुख्य प्रेरणा रही। उन्होंने प्रातःकालीन कार्यक्रम में जहाँ संचालन किया वहीं रात्रिकालीन कार्यक्रम में साध्वी प्राज्ञप्रभा जी ने संचालन किया। कार्यक्रम में कुल ग्यारह प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिसमें प्रथम स्थान विकास सेठिया ने, द्वितीय स्थान चंचल जोशी ने एवं तृतीय स्थान अनिल कोचर ने प्राप्त किया। सभा अध्यक्ष ताराचंद धारीवाल द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक का दायित्व निभाते हुए अध्यापक कुलदीप राखेचा ने भी भजन की प्रस्तुति दी। टाइम मार्किंग में प्रदीप भंडारी ने एवं अन्य व्यवस्थाओं में मुकेश सैन ने सहयोग प्रदान किया। नवनिर्वाचित तेयुप के अध्यक्ष विनीत भंडारी ने निर्णायक महोदय का साहित्य भेंट करके स्वागत किया। भूतपूर्व अध्यक्ष किरणचंद भंडारी, संगीत विशेषज्ञ प्राध्यापक पवन जोशी सहित सभी उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम की प्रशंसा की।