मासखमण तप अभिनन्दन समारोह का आयोजन
राजनगर
आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या डॉ साध्वी परमयशाजी के सान्निध्य में कृष्णा चपलोत के 31 दिन के मासखमण तप का अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। डॉ साध्वी परमयशाजी ने अपने उद््बोधन में कहा कि कृष्णा चपलोत ने प्रज्ञा दीप जलाया है। चपलोत परिवार का मन हरसाया है। तप दो अक्षर का है, एक छोटा-सा शब्द है पर इसमें अष्टकर्म क्षय करने की ताकत है। पैसा सुविधा दे सकता है लेकिन मानसिक शांति नहीं, यह तपोत्सव मानसिक शांति का बेहतरीन तरीका है। जीवनचक्र को चार्ज करने के लिए एक चार्जर चाहिए। त्याग, तप, संयम से बढ़कर कोई चार्जर नहीं। मार्बल और ग्रेनाईट की धरती पर पहला मासखमण राजनगर, भिक्षु बोधि स्थल राजसमंद जिले का कीर्तिमान बन गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्रीजी के नमस्कार महामंत्र से हुई। साध्वीवृंद ने समूह गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल और कृष्णा चपलोत की सखियों ने अपनी मधुर स्वर लहरियों के साथ तपस्विनी का अनुमोदन किया। सभाध्यक्ष ख्यालीलाल चपलोत, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष भूपेश धोका, पूर्व अध्यक्ष सुरेश कावड़िया, मुख्य वक्ता अणुव्रत प्रवक्ता महेन्द्र कर्णावट एवं मुख्य अतिथि देवेन्द्रकुमार कच्छारा ने तप अनुमोदना में अपने विचार प्रस्तुत किए।
कृष्णा चपलोत के पारिवारिकजन नवीन श्रीश्रीमाल, महावीर सूर्या, गणपत चपलोत, दर्शना चपलोत, हर्षिता चपलोत, करिश्मा चपलोत, नन्हे कलाकार आरव और काव्य चपलोत इन सभी ने गीत, वक्तव्य, कविता के माध्यम से तपस्या की अनुमोदना की। तेरापंथ सभा के कार्यवाह अध्यक्ष हर्षलाल नवलखा ने तप अभिनंदन पत्र का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन मंजू बड़ोला और आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष अनिल बड़ोला ने किया।