गुरुकुलवास में दो साध्वियों के मासखमण की परिसम्पन्नता

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गुरुकुलवास में दो साध्वियों के मासखमण की परिसम्पन्नता

नन्दनवन, मुंबई
महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में साध्वी विशालयशाली ने प्रथम और साध्वी विशालप्रभाजी ने पंचम मासखमण तप की परिसम्पन्नता की। परम पावन आचार्यप्रवर ने दोनों ही साध्वियों को ‘पारणक ग्रास’ प्रदान किया एवं सुखपृच्छा की। वे क्षण उपस्थित चारित्रात्माओं के भीतर भी तपस्या की प्रेरणा भर रहे थे। इस अवसर पर साध्वी सुमतिप्रभाजी ने दोनों साध्वियों के प्रति मंगल भावाभिव्यक्ति करते हुए बताया कि साध्वी विशालयशाजी इससे पूर्व 8 तक की लडी सम्पन्न कर चुकी है और प्रतिवर्ष सावन महीने में एकान्तर तप करती है। इस बार गुरुदेव की ऊर्जा प्राप्त कर मासखमण तप का अनुष्ठान सम्पन्न कर अपने संकल्प को सफल कर लिया। साध्वी विशालप्रभाजी ने इस लघु वय में इससे पूर्व 9 तक की लड़ी, 15, 29,31,36,41 के वर्षीतप कर एक कीर्तिमान बनाया है। साध्वी सुमतिप्रभाजी ने पूज्यप्रवर द्वारा कलकत्ता और बेंगलुरू में साध्वी विशालप्रभाजी को प्रदत्त अमृत संदेशों का भी वाचन किया।
मुनि मननकुमारजी, मुनि नयकुमारजी और साध्वी हिमांशुप्रभाजी ने तप अनुमोदना की। साध्वी प्रमुखाश्रीजी ने फरमाया- ‘गुरुदेव की शक्ति से ही यह साध्वियां मासखमण जैसा महान तप अनुष्ठान कर पाई है। इनका आत्मबल और मनोबल भी दृढ़ है। तपस्या के साथ साथ इनके जप, स्वाध्याय, ध्यान आदि का क्रम भी बराबर चलता रहा।’ इस अवसर पर साध्वीवृन्द एवं मुनिवृन्द ने पृथक-पृथक रूप से गीतों का संगान कर तप की वर्धापना की। ज्ञातव्य है परम श्रद्धेय आचार्यप्रवर के शासनकाल में प्रतिवर्ष चातुर्मास मंे चारित्रात्माओं के द्वारा मासखमण तप किया जाता रहा है। इस वर्ष मुम्बई पावस में एक ही साझ की दो साध्वियों के एक साथ मासखमण तप विशेष आल्हाद और आश्चर्य के विषय रहे।
पारणे की पूर्वरात्रि में साध्वी प्रमुखाश्रीजी के प्रवास स्थल ‘अनुकंपा भवन’ में तप अनुमोदना का कार्यक्रम रखा गया, जिसमंे साध्वियों के वर्गों द्वारा अनेक अभिनन्दन एवं अनुमोदन गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुतियां हुई। आदरास्पद साध्वीवर्याजी ने अपने वक्तव्य में दोनों साध्वियों के प्रति आध्यात्मिक प्रसन्नता एवं शुभाशंसा व्यक्त की। श्रद्धेया साध्वी प्रमुखाश्रीजी का मंगल आशीर्वाद प्राप्त हुआ और साध्वी प्रमुखाश्रीजी ने दोनों साध्वियों को लिखित रूप से मंगल संदेश प्रदान किये।