तेयुप का शपथ ग्रहण, मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यषाला
हैदराबाद
तेयुप हैदराबाद के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ मंगलप्रज्ञाजी द्वारा नवकार महामंत्र के उच्चारण से किया गया। भिक्षु प्रज्ञा मंडली द्वारा विजय गीत प्रस्तुत किया गया। निवर्तमान अध्यक्ष विरेन्द्र घोषल ने नवमनोनीत अध्यक्ष निर्मल दूगड़ को शपथ दिलवाई। तत्पश्चात नवमनोनीत अध्यक्ष ने पदाधिकारीगण व कार्यसमिति सदस्यों को शपथ दिलवाई। नवमनोनीत अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में सभी पधारे हुए श्रावक-श्राविकागण का स्वागत करते हुए कहा कि मुझे इस गौरवशाली संस्था का अध्यक्ष मनोनीत होकर कार्य करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। पद एक व्यवस्था है। मैं तो इस संस्था का एक साधारण कार्यकर्ता हूं जिसे आप सभी युवा साथियों ने इतना प्रेम और स्नेह देकर आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। हम सभी को इस संस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना पूरा योगदान देना है। मेरी पूर्ण कोशिश रहेगी की पूरी टीम को साथ लेकर तेयुप के त्रिकोणीय आयाम सेवा, संस्कार, संगठन के सभी क्षेत्रों में अपना श्रम देकर इस संस्था को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाऊं। हमें गुरुदेव के इंगित की आराधना करते हुए सभी कार्य करने हैं।
इस अवसर पर ज्ञानशाला के बच्चों को साध्वीश्रीजी द्वारा मंत्र दीक्षा के संकल्प स्वीकार करवाये गये तथा वीतराग पथ कार्यशाला भी आयोजित हुई। साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञाजी ने उद्बोधन प्रदान करते हुए अभातेयुप के निर्देशन में आयोजित मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यशाला को संस्कारों के बीजारोपण के लिये महत्वपूर्ण उपक्रम बताया। उन्होंने तेयुप की नई टीम को संघ के संघपति के प्रति पूर्ण समर्पित रहते हुए संगठन को नई ऊंचाई प्रदान करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का संचालन निवर्तमान मंत्री नीरज सुराणा ने किया।