अभातेयुप के तत्वावधान में स्थानीय शाखा परिषदों द्वारा मंत्र दीक्षा के विविध आयोजन
भीनासर
तेरापंथ युवक परिषद्-भीनासर द्वारा मुनि चैतन्यकुमारजी ‘अमन’ के सान्निध्य में बालक व बालिकाओं के लिए मंत्र-दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुनि चैतन्यकुमारजी ‘अमन’ ने पाथेय प्रदान करते हुए कहा- बाल्यावस्था संस्कारों के निर्माण के लिये महत्त्वपूर्ण समय होता है। क्योंकि बचपन में प्राप्त संस्कारों के आधार पर ही भविष्य बनता है। मंत्र-दीक्षा संस्कार-निर्माण की पहली भूमिका है। जैसा कि ब्राह्मण परम्परा में यज्ञोपवीत किया जाता है, उसी प्रकार जैन धर्म में बालक-बालिकाओं को मंत्र दीक्षा दी जाती है। आज के युग में संस्कारों के परिष्कार की महत्ती आवश्यकता है क्योंकि अच्छे संस्कारों से ही अच्छी संस्कृति को गढ़ा जा सकता है। आज के इस इलेक्ट्रोनिक मीडिया के युग में बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के कारण बच्चों के संस्कार धूमिल हो रहे हैं और मोबाईल की बढ़ती हुई प्रवृत्ति शिक्षा और संस्कारों में नुकसान पैदा कर रही है। अतः समय रहते सुसंस्कारों पर ध्यान नहीं देने से बच्चे अभिभावकों के हाथों से निकल जाऐेगें।
इस अवसर पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। बालक कुशल, अक्ष, गौरव ने गीत प्रस्तुत किया। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष मोहित सेठिया ने आभार ज्ञापित किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिका पिंकी कोचर ने संचालन किया। कार्यक्रम में विशाल सेठिया, सुमति पुगलिया, नवीन डागा, संदीप गुलगुलिया, युवराज बरमेचा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।