तप अनुमोदन कार्यक्रम
पर्वत पाटिया
साध्वी हिमश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, पर्वत पाटिया में सुश्राविका मंजुदेवी ढ़ाबरिया के मासखमण तप एवं अन्य तपस्वियों के तप अनुमोदन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। उद्बोधन प्रदान करते हुए साध्वी हिमश्रीजी ने कहा- ‘प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्म बंधनों को तोड़ना चाहता है। इस प्रक्रिया में तपस्या का विशिष्ट स्थान है। तपस्या कर्म निर्जरा का अमोघ साधन है, सशक्त माध्यम है। इसके द्वारा जीवन में वर्तमान में व्याप्त एवं भविष्य में आने वाली विविध समस्याएं तथा आधि, व्याधि और उपाधि से मुक्ति मिल सकती है। तपस्या अनंत शक्ति का स्त्रोत है। तपस्या के द्वारा आसक्ति पर विजय प्राप्त होती है। बहिन मंजु ढ़ाबरिया ने संकल्प शक्ति को जगाते हुए मासखमण की तपस्या कर अपने कुल के साथ-साथ तेरापंथ धर्मसंघ का गौरव भी बढ़ाया है। साध्वी चैतन्ययशाजी ने 9 दिन की तपस्या कर दृढ़ मनोबल का परिचय दिया है। अन्य तपस्याओं के क्रम में राजेंद्र खाब्या एवं 11 वर्षीय बालक यश ने पखवाड़े (15 दिन) की तपस्या मीठालाल जैन ने 11 दिन, भूमि जैन ने 9 दिन एवं बालक द्वीज तथा खुशी ने भी अट्ठाई की तपस्या कर गण गौरव को बढ़ाया है।’
शासनश्री साध्वी रमावतीजी ने कहा- ‘तपस्या के द्वारा जीवन में आध्यात्मिकता का जागरण होता है। साथ ही मानसिक एकाग्रता, इंद्रिय संयम तथा स्वभाव परिवर्तन भी संभव है।’ मासखमण तपस्या के संदर्भ में मुंबई से साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी द्वारा प्रेषित मंगल संदेश का वाचन साध्वी चैतन्ययशाजी ने किया। तेरापंथी सभा पर्वत पाटिया के उपाध्यक्ष संजय बोथरा ने तप अभिनंदन पत्र का वाचन किया। तेरापंथी सभा अध्यक्ष गौतम ढेलडिया, मंत्री प्रदीप गंग, तेयुप अध्यक्ष दिलीप चावत, मंत्री पवन बुच्चा, अणुव्रत विश्व भारती गुजरात प्रभारी अर्जुन मेड़तवाल, पर्वत पाटिया तेरांपथ महिला मंडल अध्यक्षा रंजना कोठारी, मंत्री चेष्टा जैन, पूर्व सभा अध्यक्ष ज्ञानचंद कोठारी, कुलदीप कोठारी एवं तपस्या के उपलक्ष में तपस्वियों के परिवारजनों द्वारा तप अनुमोदना की गई। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी मुक्तियशाजी ने किया। साध्वीश्रीजी के मुखारविंद से मंजुदेवी ढ़ाबरिया ने 31 वें दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। अनेक भाई बहनों ने विविध तपस्या के संकल्प ग्रहण किए।