सम्यक दर्शन कार्यशाला के आयोजन
सुनाम
साध्वी कनकरेखाजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन के हॉल में सम्यक दर्शन कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ बड़े ही हर्षाेल्लास के साथ हुआ। साध्वी कनकरेखाजी ने उद्घाटन सत्र में अपने ओजस्वी वक्तव्य के साथ अध्यात्म परिषद् को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांतों को समझने के लिए सम्यक् ज्ञान एवं सम्यक् दर्शन को जानना बहुत जरूरी है। जब तक हमारा दृष्टिकोण सम्यक् नहीं होगा यथार्थ तत्व का आचरण नहीं कर सकते। सही तत्व को सही समझने के लिए एवं मोक्ष मार्ग की ओर प्रस्थान करने के लिए दर्शन का सम्यक् होना अति आवश्यक है।
साध्वीश्रीजी ने कहा कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में प्रतिवर्ष चल रही कार्यशाला का अभिनव रूप सम्यक् दर्शन कार्यशाला के रूप में हमारे सामने आया है। इसके माध्यम से हर व्यक्ति अध्यात्म जगत में प्रवेश कर अध्यात्म से संबंधित अनेक जानकारियों से परिचित हो सकता है। मुझे प्रसन्नता है यहां पर भी कार्यशाला के बारे में सभी में अच्छा उत्साह है। सवालों के चलते हुए सिलसिले में साध्वी गुणप्रेक्षाजी व साध्वी सम्बरविभाजी की अहम भूमिका रही।
तेयुप अध्यक्ष अरिहंत गोयल ने स्वागत भाषण के साथ सभी का स्वागत किया। समधुर गीतिका के साथ प्रिया जैन, लीना जैन व नीतू जैन ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। संचालन सुमित गर्ग ने किया।