सम्यक दर्शन कार्यशाला के आयोजन

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सम्यक दर्शन कार्यशाला के आयोजन

सरदारपुरा (जोधपुर)
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद और समण संस्कृति संकाय लाडनूं के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सम्यक दर्शन कार्यशाला का शुभारंभ मेघराज तातेड़ भवन, सरदारपुरा में साध्वी कुंदनप्रभाजी के सान्निध्य में हुआ। साध्वी विद्युतप्रभाजी ने उपस्थित प्रतिभागियों को प्रथम दो अध्याय का अध्ययन कराया और संबंधित जिज्ञासा का समाधान किया। साध्वीश्रीजी ने विस्तार से राजा प्रदेशी के जीवन विकास की भूमिकाओं को बताया कि कैसे एक नास्तिक राजा, आचार्य केशी से शिक्षा पाकर आस्तिक बना। कैसे एक हिंसक और क्रूर राजा समता को अपनाकर बारहव्रती श्रावक बना। क्रूर और हिंसक से समतावान बनने में चेतना के उर्ध्वारोहण की अद्भुत घटना को पुस्तक में बहुत ही सरल और सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया है।
साध्वीश्रीजी ने इस अवसर पर फरमाया कि यह कार्यशाला आचार्यश्री महाप्रज्ञ की अनुपमेय कृति ‘शरीर और आत्मा’ पुस्तक पर आधारित है, जिससे अध्ययन से आध्यात्मिक ज्ञान का विकास होगा। समाज के सभी वर्गों को इस कार्यशाला में भाग लेना चाहिये। इस अवसर पर तेयुप अध्यक्ष कैलाश जैन, मंत्री मिलन बांठिया, कार्यशाला समन्वयक सविता तातेड़ सहित सभी वर्ग के सदस्यों की उपस्थिति रही।