250 प्रत्याख्यान का अदभुत तोहफा
आमेट
साध्वी कीर्तिलताजी के पावन सान्निध्य में अध्यात्म की सुंदर सरिता प्रवाहित हो रही है। छोटी-मोटी तपस्या कभी अठाई, कभी नौ, कभी ग्यारह की तपस्या का अभिनंदन होता है तो कभी पचरंगी उपवास की सामायिक, त्याग एवं जप आदि से पावस में अभिनव रंग ला रहे हैं। साध्वीश्रीजी ने श्रद्धेय आचार्यश्री महाश्रमणजी के दीक्षा की अर्धसदी वर्ष के उपलक्ष में एक दिन में एक साथ 250 प्रत्याख्यान का अद्भुत तोहफा समर्पित किया, जो सबके लिए विशेष प्रेरणादायी रहा। इस प्रत्याख्यान के अद्भुत गुलदस्ते में एक साथ 250 व्यक्ति सम्मिलित थे, जिसमें 25 उपवास, 25 आयम्बिल, 25 एकाशन, 25 एकलठाणा, 25 नीवीं, 25 चरम प्रत्याख्यान, 25 नवकारसी, 25 पोरसी व 25 दो पोरसी, 25 अभिग्रह इस प्रकार से 250 व्यक्ति सम्मिलित हुए, जिसमें छोटे बच्चों व वयोवृद्ध श्रावकों ने भाग लिया। साध्वीश्रीजी ने सबके उत्साह को उत्साहित करते हुए साधुवाद प्रदान किया।