संगीत प्रतियोगिता का आयोजन
चेन्नई
संगीत की मधुरता, समरसता से कोई भी उदासी हो या अवसाद हो उससे पार पाया जा सकता है। संगीत ऐसी विधा है, जो आत्मा को परमात्मा की ओर बढ़ने का सेतु बनती है। यह विचार तेरापंथ सभा द्वारा आयोजित संगीत प्रतियोगिता में साध्वी अणिमाश्री जी ने कहे। केसरीचंद बालचंद भटेरा आजीवन रोलिगं शील्ड संगीत प्रतियोगिता में साध्वीश्री जी ने कहा कि प्रतियोगिता कर्म निर्जरा की हेतु भी बनती है। यह मंच समाज की प्रतिभाओं को निखरने में सहभागी बनता है।
संगीत प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के प्रदर्शन के आधार पर निर्णायक कन्हैयालाल पुगलिया, हेमंत डूंगरवाल, मनीषा चोरड़िया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए काव्य बांठिया को प्रथम, स्वरूपचंद दांती को द्वितीय एवं गरिमा आच्छा को तृतीय स्थान पर घोषित किया। तेरापंथ सभा मंत्री गजेंद्र खाटेड़, निवर्तमान अध्यक्ष विमल चिप्पड़, पूर्वाध्यक्ष तनसुख नाहर, तेयुप मंत्री संतोष सेठिया एवं अन्य विशिष्ट जनों से प्रतियोगियों को सम्मानित किया। प्रतियोगिता का संचालन राहुल चोपड़ा ने किया