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मासखमण पर तप अभिनंदन का कार्यक्रम
पेटलावद
मुनि मुनिसुव्रतकुमारजी के पावन सान्निध्य में खुशबु अनिल मेहता के मासखमण पर तप अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि तपस्या करने वालो को महान त्यागी आचार्यों व तपस्वी साधु-साध्वियों की शक्ति मिलती है। तपस्या से पुराने संचित कर्म कटते हैं। तपस्या के साथ क्षमा का भाव रहना बहुत बड़ी साधना है। मुनिश्री ने प्रसंगवश तेरापंथ धर्मसंघ के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि मनोहरीदेवी आंचलिया ने अपने जीवनकाल मे 31 मासखमण किए। तपस्या करना सामान्य नहीं वरन बहुत बड़ी बात है। मुनिश्री ने तप अनुमोदना में स्वरचित गीत का संगान किया।
मुनि मंगलप्रकाशजी ने तपस्या के प्रति मंगलकामनाएं व्यक्त करते हुए भविष्य में अधिक बड़ी तपस्या करने की शुभाशंसा व्यक्त की। मुनि शुभमकुमारजी ने भी धर्मसभा को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मनोज गादिया ने तप अनुमोदना में अपने भाव व्यक्त किए। तेरापंथी सभा रायपुरिया अध्यक्ष प्रकाश कोटड़िया ने श्रद्धेय साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के संदेश का वाचन करते हुए रायपुरिया समाज की ओर से तप अभिनंदन में अपने भाव व्यक्त किए। तेरापंथ महिला मंडल पेटलावद एवं रायपुरिया, मेहता परिवार से संबद्ध महिलाओं ने गीतिका प्रस्तुत की। तेरापंथी सभा पेटलावद व रायपुरिया की ओर से तपस्वी को अभिनंदन पत्र व साहित्य भेट किया गया।