मासखमण तप संपूर्ति अभिनंदन समारोह

स्वाध्याय

मासखमण तप संपूर्ति अभिनंदन समारोह

तिरूपुर
साध्वीश्री डॉ0 गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में उपासिका संजू दुगड़ का मासखमण तप अभिनंदन समारोह मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्र से किया गया। महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गई। तेरापंथी सभा अध्यक्ष अनिल आंचलिया ने सभी का स्वागत किया एवं तपस्विनी बहिन के तप की अनुमोदना की। साध्वीप्रमुखाश्रीजी के संदेश का वाचन राजेंद्र शेखावत ने किया।
पारिवारिकजनों ने गीतिका के माध्यम से तपस्विनी बहिन का तपोभिनंदन किया। प्रकाश दूगड़ ने अपने भावोद्गार व्यक्त किए। महासभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नखत ने उपासिका संजू दुगड़ की तपस्या का अनुमोदन किया। तेममं अध्यक्ष नीता सिंघवी एवं तेयुप अध्यक्ष सोनू डागा ने तप की अनुमोदना की। साध्वी गुप्तिप्रभाजी द्वारा रचित तप अभिनंदन गीतिका की प्रस्तुति संतोष आंचलिया द्वारा दी गई। उपासक प्राध्यापक डालमचंद नौलखा के भावों की अभिव्यक्ति विनोद बांठिया द्वारा दी गई। उपासिका मधु कोठारी ने उपासिका बहन के तप अभिनंदन में गीत के स्वर उकेरे। महिला मंडल सदस्यगण प्रीति भंडारी, रेखा सिंघवी, नीता सिंघवी ने तप अभिनंदन पर शानदार नाटिका की प्रस्तुति दी।
डॉ0 साध्वी गवेषणाश्रीजी ने फरमाया- ‘जिसका संकल्प बल मजबूत होता है वही तप के समरांगण में युद्ध कर सकता है। तप-कर्म-निर्जरण की दिशा में प्रयाण व मोक्षाभिमुख होने का अभियान है। तपस्या प्रदर्शन, प्रलोभन नहीं जीवन का नंदनवन है। आज उपासिका संजू दुगड़ ने मासखमण की तपस्या करके दुगड़ परिवार का गौरव बढ़ाया है। काफी असाता होने के बावजूद दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है।
साध्वी मयंकप्रभाजी ने कहा कि तपस्या इहलोक, परलोक, कीर्ति, यश, वर्ण आदि के लिए नहीं निर्जरा के लिए करनी चाहिए। साध्वी दक्षप्रभाजी ने तपस्वी की जयजयकार भावपूर्ण गीतिका प्रस्तुत करके तपस्वी के तप की अनुमोदना की। साध्वी मेरुप्रभाजी ने संचालन करते हुए कहा कि आत्मोत्थान के लिए तप की जरूरत है।
तेरापंथी सभा उपाध्यक्ष विजय मालू एवं प्रभात बोथरा ने तप अभिनंदन पत्र का वाचन किया। साध्वीप्रमुखाश्रीजी के संदेश पत्र को उपासक हनुमानमलजी दुगड़, तेरापंथी सभा कोयंबटूर अध्यक्ष उत्तमचंद पुगलिया आदि वरिष्ठ श्रावकों द्वारा भेंट किया गया। आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा मंत्री मनोज भंसाली ने किया।