‘लघुता से प्रभुता’ तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का 16वां राष्ट्रीय अधिवेशन मुम्बई में आयोजित
‘लघुता से प्रभुता’ तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का 16वां राष्ट्रीय अधिवेशन मुम्बई में आयोजित
तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम का 16वां राष्ट्रीय अधिवेशन तेरापंथ धर्मसंघ के अधिशास्ता आचार्य महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में आयोजित हुआ। देशभर से 60 क्षेत्रों से लगभग 633 सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज कराई। राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रथम सत्र में टीपीएफ आध्यात्मिक पर्यवेक्षक डॉ0 मुनि रजनीशकुमारजी के सान्निध्य में खुला सत्र रखा गया, जिसमें प्रतिभागियों ने मुनिप्रवर से सीधा संवाद कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। मुनिश्री ने प्रेरणा देते हुए कहा हमारा मैनपॉवर मजबूत हो, उसके लिए सदस्यों की संख्या बढ़े, उस हेतु जहां-जहां प्रोफेशनल है, हम उनके घर पहुंचे तथा टीपीएफ की जानकारी दें, उन्हें संस्था से जोड़ें। हमारी आध्यात्मिक गतिविधियां बढ़ाएं। सत्र का संचालन नवीन चोरड़िया तथा आभार ज्ञापन मुकेश सिंघवी ने किया।
द्वितीय सत्र में ‘एम आई लिविंग मॉय लाइफ?’ विषय पर साध्वी वीरप्रभाजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि- ड्रीम रखना बुरा नहीं है, लेकिन इसमें ये देखना है कि क्या मैं अपनी लाईफ को पूरी तरह से जी रहा हूं। उन्होनें पर्सनल लाईफ, प्रोफेशनल लाईफ, सोश्यिल लाईफ, फैमिली लाईफ- ये चार प्रकार की लाईफ का वर्णन करते हुए सभी के सामंजस्य की बात समझायी। सत्र संचालन सपना गोलेच्छा एवं आभार ज्ञापन पूर्वी जैन ने किया।
तृतीय सत्र में ‘द इंडिया स्टोरी एंड अपॉरच्युनिटीज एंड चैलेंजेज ऑफ इंडियाज् इकोनॉमी’ विषय पर वक्ता नवीन मुणोत ने बताया कि विश्व के इतिहास में किसी ने इस तरह से प्रगति नहीं की है, जिस तरह से भारत प्रगति करने वाला है। उन्होंने भारतीय अर्थशास्त्र की महत्ता को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया। अंत में संभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। सत्र संचालन मनोज नाहटा एवं आभार ज्ञापन ऋषभ दूगड़ ने किया।
चतुर्थ सत्र में ‘कौन बनेगा ज्ञानपति’ क्विज कॉन्टेस्ट का आयोजन किया गया। संचालन चिराग पामेचा ने किया। प्रथम स्थान नॉर्थ जॉन से उज्ज्वल जैन तथा हेमा जैन ने प्राप्त किया। ईस्ट जोन से आलोक चौपड़ा एवं प्रतीक दुगड़ ने प्राप्त किया। सभी को साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन हिम्मत मांडोत द्वारा किया गया। शनिवार सायंकालीन सामायिक क्रम रखा गया, जिसमें देशभर से आए प्रोफेशनल सदस्यों ने गुरु सन्निधि में सामायिक की। रात्रिकालीन कार्यक्रम में ‘टीपीएफ की अदालत’ कार्यक्रम रखा गया, जो बहुत ही रोमांचित और सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया गया। सत्र संचालन तथा आभार ज्ञापन टीपीएफ मुंबई अध्यक्ष राज सिंघवी ने किया।
द्वितीय दिवस के शुरूआत में प्रवचन पंडाल में प्रशिक्षक पारसमल दुगड़ द्वारा प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करवाया गया। प्रथम सत्र में ‘मेजिकल मिलेट्स फ्रीडम फ्रॉम ऑल डिजिज’ विषय पर शर्मिला ओसवाल, मिलेट् वुमन ऑफ इंडिया ने टीपीएफ के बीच अपनी खुशी व्यक्त करते हुए अपनी सफलता की कहानी बयान की। घूंघट से हॉवर्ड का सफर तय करने की राह को साझा करते हुए कहा कि आचार्य तुलसी सदा उनके प्रेरणास्रोत रहे। सत्र का संचालन स्नेहा मेहता तथा आभार ज्ञापन नीरज मोटावत ने किया। टीपीएफ गौरव जयचंद लाल मालू ने दायित्व बोध करवाया तथा टीपीएफ के नये सदस्यों से आह्वान किया कि टीपीएफ की गतिविधियों में अपनी भागीदारी निभाये। अपने समय का विजर्सन कर संस्था के विकास में अपना श्रम नियोजित करें।
द्वितीय सत्र ‘रोल ऑफ प्रोफेशनल्स इन इंडियाज् ग्रोथ स्टोरी’ विषय पर डिजिटल मोड में नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 16वें राष्ट्रीय अधिवेशन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि टीपीएफ द्वारा शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में संस्कारों के आधार पर अच्छे व्यक्ति के निर्माण में सहयोगी बन सकते हैं। सोश्यिल इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन, यह हमारे देश के लिए, हमारे समाज के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
मुझे इस बात की खुशी है कि आचार्यश्री महाश्रमणजी ने राष्ट्रीय उत्थान एवं जनकल्याण के लिए 55 हजार किमी यात्रा कर समाज में नैतिकता और सद्भावना का बोध दिया है। तेरापंथ समाज द्वारा सामाजिक उत्थान के लिए जो कार्य हो रहे हैं, वह भारत के निर्माण में अतुल्य साबित होने वाले हैं। सत्र का संचालन नवीन पारख तथा आभार ज्ञापन निर्मल कोटेचा ने किया।
तृतीय सत्र नेटवर्किंग सत्र रखा गया, जिसमें अधिवेशन के संभागियों ने आपस में अपनी बिजनेस प्रोफाइल का आदान-प्रदान किया। संचालन नीरज मोटावत ने किया।
चतुर्थ सत्र ‘चाणक्य नीति फॉर वेल्थ क्रिएशन एंड स्प्रिच्युल एनलाइटमेंट’ विषय पर कॉर्पाेरेट चाणक्य डॉ0 राधाकृष्णा पिल्लई ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि कितने ही प्रोफेशनल हो जाओ, पर सदा अपनी जड़ों से अपने अध्यात्म से जुड़े रहना। पीढ़ियां भले ही बदले पर सिद्धांत न बदले। प्रश्नोत्तर के माध्यम से उन्होंने चाणक्य नीति के साथ-साथ अध्यात्म नीति को जोड़ने हेतु प्रेरित किया। सत्र का संचालन राजेश भूतोड़िया तथा आभार ज्ञापन राहुल डांगी ने किया।
मुनि अभिजितकुमारजी ने अपने वक्तव्य में प्रोफेशनल्स एवं आज की युवा पीढ़ी को ड्रिंक, ड्रग और पाश्चात्य संस्कृति से बचाने की प्रेरणा दी। अपने प्रोफेशन की कोर वेल्यू को संरक्षित कर अपने जीवन में आगे बढ़ने को कहा।
पंचम सत्र में ‘हॉउ स्प्रिच्युलिटी केन बी रिलेटेड टू प्रॉफेशनल ग्रोथ’ विषय पर मुनि कुमारश्रमणजी ने प्रेरक उद्बोधन देते हुए फरमाया कि किसी भी सफलतम पुरुष की जीवनी देखेंगे तो पायेंगे कि उन्होनें हर क्षेत्र में तालमेल बिठाते हुए प्रगति की। घर-परिवार, समाज, सभा-संस्था, जीवन और बिजनेस का लक्ष्य साधा और समय प्रबंधन के साथ पूर्ण किया। संचालन मोहित बैद तथा आभार ज्ञापन के0एल0 परमार ने किया।
अंतिम सत्र में संस्था द्वारा वर्ष भर किये गये अच्छे कार्यों के लिए शाखाओं एवं कार्यकताओं का मूल्यांकन करते हुए सम्मानित किया गया।
टीपीएफ अचिवर्स अवार्ड के अंतर्गत मनीष मुणोत, डॉ0 गौतम भंसाली, विजय चौरड़िया, जय जीतमल चोरड़िया, राजकुमार नाहटा, सुनील सिंघी, डॉ0 अजय मुरड़िया, विनीत बैद, राहुल बोथरा, आनन्द बागरेचा, डॉ0 धवल डोसी, मनीष दुगड़ को सम्मानित किया गया।
सत्र का संचालन नवीन चोरड़िया, छवि बैंगानी एवं आभार ज्ञापन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज नाहटा ने किया। अधिवेशन को सफल बनाने में पूरी मुम्बई टीम तथा तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम कैम्प ऑफिस टीम का सराहनीय सहयोग रहा।