तप से शुद्धि, तप से मुक्ति
विल्लुपुरम
साध्वी उज्ज्वलप्रभा जी ने दूसरे मासखमण के तप अभिनंदन के कार्यक्रम में कहा कि कार्यकर्ता पवन कुमार सुराणा ने मासखमण किया हैविल्लुपुरम में संर्पूण जैन समाज का भाईयों में प्रथम मासखमण हैपवन सुराणा ने न केवल नाम चमकाया है बल्कि अपना जीवन भी चमकाया है। तपस्या अभ्युत्थान का मार्ग हैजीवन रूपांतरण की प्रक्रिया भी है। तपस्या धीर व्यक्ति ही कर सकता है, धैर्य के साथ अगर निर्जरा का लक्ष्य होता है तो व्यकित अचिन्त्य लाभ प्राप्त कर लेता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ वलवनूर की महिला मंडल के मंगल संगान से हुआ। तेरापंथी सभा की ओर से प्रेम सुराणा, महिला मंडल से चंचल सेठिया, तेयुप से निखिल भंडारी ने अपने विचार रखे।
साध्वी अनुप्रेक्षाश्री जी ने कहा कि तपस्या से केवल औदारिक शरीर ही नहीं, तैजस और कार्मण शरीर भी प्रकंपित होते हैं, तैजस शक्ति जागृत होती है। साध्वी सन्मतिप्रभा जी ने कहा कि तप के द्वारा मन में पवित्रता का, वाणी में सत्य का तथा शरीर में स्थिरता का विकास होता है।
विल्लुपुरम कन्या मंडल एवं महिला मंडल ने भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया, ननिहाल बहनों ने गीत प्रस्तुत किया। पवन के छोटे पुत्र एवं पुत्रियों में दृश, युति, धृति ने रोचक एवं भावपूर्ण प्रस्तुति दी। ललिताबाई सुराणा ने मंगलकामना व्यक्त की। बहनें, अनु हिंगड़, वर्षा धोका ने गीत गाकर भाई का अभिनंदन किया। अभातेयुप के बारहव्रत क्षेत्रीय प्रभारी विकास सेठिया, पांडेचेरी से हेमराज कुंडलिया, मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष, राजेंद्र नाहर ने अपने विचार रखे। साध्वीप्रमुखाश्री जी का संदेश वाचन महेंद्र धोका, अभिनंदन पत्र का वाचन सुरेंद्र बड़ोला, आभार ज्ञापन मंत्री राजेश सुराणा एवं कार्यक्रम का संचालन समता सुराणा ने किया।