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अणुव्रत समिति का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन
नोखा
नोखा का प्रत्येक नागरिक चारित्रिक नैतिक संपन्न बने, नशा मुक्त होकर स्वयं स्वाध्याय प्रेमी बनें। भारत के निर्माण में सहभागी बने। अणुव्रत जन-जन तक पहुंचे। यह विचार शुक्रवार को तेरापंथ सभा भवन में शासनगौरव साध्वी राजीमतीजी ने नोखा अणुव्रत समिति के शपथ ग्रहण समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि आचार्य तुलसी ने मानसिक एवं चारित्रिक समस्याओं के समाधान पाने के लिए अध्यात्म का विकास करते हुए स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज व स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना कर इस अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया और जगह-जगह अणुव्रत समितियां बनाई। नोखा अनोखा है यह तभी सिद्ध जब अणुव्रत समिति स्थानीय व्यक्तियों में अणुव्रत की आचार संहिता लागू करने में सफल होंगे। इसके लिए समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। लोगों में जागरूकता पैदा की जाए। जिससे वह इससे जुड़ सके, प्रभावित हो सके व अपना जीवन सफल बना सकें।
शासन गौरव साध्वीश्रीजी ने कहा कि संयम करो और सफल बनो। संयम आत्मा और शरीर दोनों का श्रृंगार है। हर आदमी अपनी सुरक्षा चाहता है। असंयम से जितनी बीमारियां होती है उतनी बीमारी प्रदूषण से भी नहीं होती। उन्होंने कहा कि सहन करो, सफल बनो, जो सहता है वह सबके दिलों में रहता है। इस अवसर पर राजेंद्र सिंह राठौड़, शिवनारायण झंवर आदि ने भी विचार रखे। नव मनोनीत अध्यक्ष मनोज घीया ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि नोखा अणुव्रत समिति सक्रिय रहकर सभी के सहयोग से सेवा के कार्य करेगी। इस अवसर पर लाभ चंद छाजेड़ ने समिति के सदस्यों को शपथ दिलाई। शासन गौरव साध्वीश्री राजीमतिजी ने मंगलाचरण सुनाया। तेरापंथ महिला मंडल की महिलाओं ने गीतिका मंगलाचरण किया। संचालन इंदरचंद बैद ने किया।