कष्ट की स्थितियों में भी समता का भाव रखें: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

कष्ट की स्थितियों में भी समता का भाव रखें: आचार्यश्री महाश्रमण

8 सितम्बर, 2023 नन्दनवन-मुम्बई
अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने जिनवाणी की अमृत वर्षा कराते हुए फरमाया कि भगवती सूत्र में गौतम स्वामी ने भगवान महावीर से प्रश्न किया कि भन्ते! क्या जीवों को जरा और शोक होता है? उत्तर दिया गया कि गौतम! जीवों के जरा भी है और शोक भी है। हमारी दुनिया में प्राणियों को दुःख भी प्राप्त होता है। भवगती सूत्र के आलोक में दुःख को दो भागों में बांटा जा सकता है- जरा और शोक। संसार में जरा, रोग, मृत्यु, शोक आदि दुःख हैं। जरा शारीरिक दुःख है तो शोक मानसिक दुःख होता है। जरा यानि बुढ़ापा। आदमी जब बुढ़ा होता है तो उसे शारीरिक रूप से अनेक प्रकार के कष्ट आ सकते हैं। युवावस्था में श्रम करने वाला, कड़ी मेहनत करने वाला शरीर बुढ़ापे में दुःख देने लगता है। प्रियजनों की मृत्यु या किसी वेदना के द्वारा व्यक्ति को जो मानसिक कष्ट होता है, वह शोक होता है। जिन जीवों के मन होता है, शोक उन्हीं के होता है। जरा तो सभी संसारी जीवों के हो सकती है।
आदमी के जीवन में शारीरिक- मानसिक कष्ट की स्थितियां आ सकती है, पर आदमी इन स्थितियों में भी सम रहे, समता का भाव रखें। समस्या या कष्ट आने पर भी शांत रहे। समस्या से आक्रांत न हांे, धर्म की शरण में रहें। साधु तो हर स्थिति को सहन करे। समता से सहन करने पर दुःख भी महान फल देने वाला बन सकता है। गृहस्थ भी समता भाव रखे। चाहे व्यापार हो, परिवार हो, समाज हो, संतोष रखे। आर्तध्यान में न जायें। समता रखो, सहन करो। हम समनस्क हैं, हमारे जरा-शोक हो सकता है, पर समता का भाव रखें। पूज्यवर ने कालूयशोेविलास की विवेचना कराते हुए पूज्य कालूगणी के महाप्रयाण के पश्चात पार्थिव देह को श्रावकों को सौंेपने तथा पूरे देश में टेलीग्राम से महाप्रयाण की सूचना पहुंचने और लोगों के संतप्त होने व गंगापुर पहुंचने की स्थिति का सविस्तार वर्णन किया।
पूज्यवर ने तपस्या के प्रत्याख्यान करवाये। राकेश मांडोत, चेन्नई द्वारा 10 गीत की कैसेट का सेट पूज्यवर के सान्निध्य में लोकार्पित किया गया। राकेश मांडोत ने गीत के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी।
अहमदाबाद से संघ पूज्यवर के दर्शनार्थ उपस्थित हुआ। तेरापंथी सभा, अहमदाबाद के अध्यक्ष कांतिलाल चोरड़िया एवं सन् 2025 के लिये आचार्यश्री महाश्रमण चतुर्मास व्यवस्था समिति, अहमदाबाद के नवनियुक्त अध्यक्ष अरविंद संचेती ने अपनी भावना अभिव्यक्ति की। पूज्यवर ने अहमदाबादवासियों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सन् 2025 के लिये आचार्यश्री महाश्रमण चतुर्मास व्यवस्था समिति, अहमदाबाद के नवनियुक्त अध्यक्ष अरविंद संचेती को मंगलपाठ सुनाया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमारजी ने किया।