बच्चे विद्या-विनय-विवेक संपन्न बने

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बच्चे विद्या-विनय-विवेक संपन्न बने

छोटी खाटू
साध्वी संघप्रभाजी के सान्निध्य में राष्ट्रीय ज्ञानशाला दिवस का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी प्राज्ञप्रभाजी ने महावीर स्तुति से किया। ज्ञानशाला के बच्चों को संबोधित करते हुए साध्वी संघप्रभाजी ने कहा- ‘संस्कारों की फसल उगाने वाली यूरिया खाद है ज्ञानशाला। सफलताओं के महलों को बनाने वाली मजबूत बुनियाद है ज्ञानशाला। टूटे समाज बिखर के परिवारों की त्रासदी मां-बाप की भागम भाग जिंदगी के दौर में बच्चों को संस्कारित बनाने में सशक्त माध्यम है ज्ञानशाला। अपेक्षा है बच्चे विद्या-विनय-विवेक संपन्न बने।’ ज्ञानशाला की बच्चियों द्वारा ‘अर्हम्-अर्हम् की वंदना फले’ गीत की रोचक प्रस्तुति दी गई। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा संस्कार सप्तक की मनोरम के साथ विविध प्रस्तुतियां दी गई।
ज्ञानशाला की संयोजिका मंजू फूलफगर, प्रशिक्षिका कुसुम बेताला, कपूरचंद बेताला एवं विकास सेठिया ने ज्ञानशाला के संदर्भ में अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी प्रांशुप्रभाजी ने किया। सभी ज्ञानार्थियों को बेताला एवं धारीवाल परिवार द्वारा पुरस्कृत किया गया। पत्रकार एवं व्यवस्थापक मुकेश सेन का भी सम्मान किया गया।