अभिभावकों बच्चों को ज्ञानशाला से जुड़ने के लिए करें प्रेरित
कृष्णानगर, दिल्ली
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमारजी के पावन सानिध्य में ज्ञानशाला दिवस का कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुनिश्री के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री ने अपने पावन उद्बोधन में ज्ञानशाला के बच्चों को एक कविता के माध्यम से समझाया कि बच्चों का आचरण कैसा हो और सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को ज्ञानशाला से जुड़ने की प्रेरणा प्रदान की। कार्यक्रम में ज्ञानार्थियों द्वारा सामूहिक त्रिपदी वंदना, ज्ञानशाला प्रतिज्ञा और ज्ञानशाला गीत का संगान किया गया। ज्ञानशाला की सभी प्रशिक्षिकाओं और कार्यकर्ताओं द्वारा मंगलाचरण में महाश्रमण अष्टकम का संगान किया गया। ज्ञानशाला दिल्ली के संयोजक अशोक बैद ने स्वागत वक्तव्य दिया और ज्ञानशाला के इतिहास और उपयोगिता पर प्रकाश डाला। बच्चों ने योगा और जीवन विज्ञान पर एक संगीतमय प्रस्तुति, ज्ञानशाला की उपयोगिता पर ब्लॉगर के माध्यम से नाटिका, भक्तामर और डोंट यूज मी जैसे विषयों पर बहुत ही प्रभावी और सराहनीय प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में तेरापंथी सभा दिल्ली अध्यक्ष सुखराज सेठिया, पूर्वी दिल्ली तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा सरोज सिपानी, गांधीनगर तेरापंथी सभाध्यक्ष कमल गांधी, तेयुप दिल्ली अध्यक्ष विकास चोरड़िया एवं विकास मंच अध्यक्ष दीपचंद सुराणा ने ज्ञानशाला के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मुनि कमलकुमारजी के सहवर्ती तपस्वी संत मुनि नमिकुमारजी ने 33 की तपस्या का प्रत्याखान किया। कार्यक्रम का संयोजन ज्ञानशाला की वरिष्ठ प्रशिक्षिका सुमन भंडारी ने किया।