छोटे बच्चों का जीवन कोरे कागज के समान
सुनाम
साध्वी कनकरेखाजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का कार्यक्रम समायोजित हुआ। इष्ट स्तुति के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साध्वी कनकरेखाजी ने आध्यात्मिक परिषद को मंगल उद्बोधन देते हुए कहा- ‘बच्चों का जीवन कोरे कागज के समान होता है। संस्कारों की तुलिखा से हम उस कोरे कागज पर सुंदर रंग-रंगीले चित्र भर सकते हैं। संस्कारों की यह सुंदर फुलवारी, यह नौनिहाल बच्चे हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य हैं, घर-परिवार व समाज की संपत्ति है। नई सोच, नई संभावनाओं के सपनों को सच करने के लिए ज्ञानशाला के नन्हें-नन्हें कलाकार अपनी प्रतिभा को उजागर कर रहे हैं। गुरुदेव तुलसी का आयाम है-ज्ञानशाला। इसके माध्यम से बच्चों में संस्कारों का निर्माण किया जाता है।
इस अवसर पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने सुंदर प्रस्तुतियां देकर पूरी परिषद को भावभिवोर बना दिया। छोटी बालिका कृति जैन, भव्य, तनिश आदि ने विविध रूपों में अपनी प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला प्रशिक्षिका लीना गोयल, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री प्रिया जैन व बहिनों द्वारा समुधुर गीत का संगान किया गया। इस अवसर पर पंजाब प्रांतीय तेरापंथी सभा अध्यक्ष केवल कृष्ण गोयल(सुनाम) व तेयुप अध्यक्ष अरिहन्त गोयल ने अपने विचार रखे। बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए अनेकों पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पायल जैन ने किया।