सक्कत्थुई विद्याकल्प अनुष्ठान
सिकन्दराबाद
तेरापंथ भवन, सिकन्दराबाद में तेरापंथ युवक परिषद्, हैदराबाद द्वारा आयोजित ‘सक्कत्थुई विद्याकल्प अनुष्ठान’ में संभागी विशाल साधक-समुदाय को साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञाजी ने विविध बीज मंत्रों एवं जैन प्रभावक मंत्रों के साथ विशेष साधना करवाई। इस अनुष्ठान में संभागी साधक-साधिकाओं ने आत्मिक आनन्द एवं ऊर्जा का अनुभव किया।
इस अवसर पर साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञाजी ने कहा- ‘सक्कत्थुई या शक्रस्तुति को प्रणिपात सूत्र भी कहा जाता है। प्रथम अक्षर के आधार पर इसे नमोत्थुणं भी कहते हैं। तीर्थंकरों की अभिवंदना में 64 इन्द्र सहित असंख्य तीर्थंकर रहते हैं। नमोत्थुणं के रूप में अभिवन्दना का यह पाठ यानि स्वर्गलोक का यह स्तवन हमें तीर्थंकरों की कृपा से प्राप्त है। जो अतीत में था, वर्तमान में है और भविष्य में रहेगा। इस पाठ से दैविक शक्ति अनुप्राणित हो जाती है। प्रबल आस्थाभाव से तरंगों का विकिरण फैलता है।’
आज सम्पूर्ण श्रावक परिवार ने श्रद्धा के साथ इस अनुष्ठान में संभागिता दर्ज की है, उनका लक्ष्य की दिशा में विकास होता रहे। पाप का पुण्य में संक्रमण करने वाला यह अनुष्ठान सबके लिए हितकारी हो। शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रोगों से निजात पाने के लिए नया प्रस्थान हो। सबकी चेतना अमल-विमल, निर्मल बनें।’
तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष निर्मल दूगड़ ने सम्पूर्ण परिषद का स्वागत किया। साध्वीवृंद ने पंचपरमेष्ठी स्तुति प्रस्तुत की। 108 बार एक लय और एक स्वर में उच्चरित नमोत्थुणं-पाठ से भवन का विशाल प्रांगण गुंजित हो गया। इस कार्यक्रम में तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद अध्यक्ष बाबूलाल बैद, मंत्री सुशील संचेती, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा कविता आच्छा, मंत्री सुशीला मोदी, कार्यक्रम संयोजक दिलीप बरड़िया, तेयुप के निवर्तमान अध्यक्ष विरेंद्र घोषल, कोषाध्यक्ष ललित लुनिया, संगठन मंत्री जिनेंद्र बैद आदि तेयुप सदस्यों के साथ श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही। तेयुप मंत्री रविप्रकाश कोटेचा ने आभार ज्ञापित किया।