भक्तामर कार्यशाला
टापरा
मुनि जयकुमारजी के सान्निध्य में रविवारीय कार्यशाला श्रृंखला के अंतर्गत भक्तामर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में मुनिश्री ने भक्तामर स्तोत्र के नियमित पाठ का लाभ बताया। मुनिश्री ने बताया कि श्रद्धा और आस्था से भक्तामर का पाठ नियमित रूप से किया जाए तो व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य कष्ट दूर हो जाते हैं। जैन धर्म की दिगंबर और श्वेतांबर दोनों परंपराओं में भक्तामर स्तोत्र का बड़ी श्रद्धा के साथ पाठ किया जाता है। मुनिश्री ने भक्तामर स्तोत्र का समंत्र पाठ करवाया और उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी भक्तिपूर्वक और तन्मयता के साथ भक्तामर पाठ का संगान किया।