संस्कार निर्माण का शक्तिशाली उपक्रम है ज्ञानशाला
बोरावड़
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा बोरावड़ के तत्वावधान में साध्वी प्रांजलप्रभाजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानार्थियों द्वारा नमस्कार महामंत्र की मुद्राओं पर प्रस्तुति द्वारा हुआ। नन्हें बच्चों ने विभिन्न गीतों, नाटक, वक्तव्य आदि के माध्यम से मनमोहक और सुंदर प्रस्तुतियां दी।
ज्ञानशाला दिवस पर प्रेरणा प्रदान करते हुये साध्वी प्रांजलप्रभाजी ने फरमाया कि भौतिकता की चकाचौंध में व सुख-सुविधा के युग में चारों तरफ विकृत्ति के संस्कार हावी होते जा रहे हैं, जहां संस्कारों की विस्मृति सी होती जा रही है। इस युग में ज्ञानशाला संस्कार निर्माण का शक्तिशाली उपक्रम है। बाल्य अवस्था कच्चे घड़े के जैसी होती है और इस अवस्था में दिये हुये संस्कार जीवन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा तेरापंथ धर्मसंघ की प्रथम साध्वी प्रमुखा महासती सरदारांजी के संघर्षमय जीवन झांकी को नाटिका के रूप में प्रस्तुति दी। स्वागत भाषण तेरापंथी सभाध्यक्ष रिखब भंडारी ने दिया। आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा मंत्री रायचंद बोथरा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन ज्ञानशाला व्यवस्थापिका सुनिता दूगड़ व रश्मि गेलड़ा द्वारा किया गया।