अवबोध
कर्म बोध
प्रश्न 21. क्या अकाल मृत्यु होती है?
उत्तर : सोपक्रमी आयुष्य वाले की अकाल मृत्यु हो सकती है। सौ वर्ष भोगे जाने वाले आयुष्य को उपघात लगने वाले अन्तर्मुहूर्त्त में भोगा जा सकता है।
प्रश्न 22. उपघात कैसे लगती है?
उत्तर : उपघात सात प्रकार से लग सकती हैं-
1 अध्यवसाय - राग, द्वेष, भय आदि की तीव्रता 2 निमित्तं - शस्त्र प्रयोग
3 आहार - आहार की न्यूनाधिकता 4 वेदना - नयन आदि की तीव्रतम वेदना
5 पराघात - गड्ढ़े आदि में गिरना 6 स्पर्श - सांप, बिच्छू आदि का स्पर्श
7 आन-अपान- उच्छ्वास, निःश्वास का निरोध
प्रश्न 23. क्या दोनों आयुष्य सभी जीवों में होते हैं?
उत्तर : देव, नारक के निरुपक्रमी आयुष्य ही होता है। मनुष्यों में चरम शरीरी, तिरेसठ शलाकापुरूष, यौगलिकों के निरुपक्रमी आयुष्य होता है। शेष सभी जीवों में दोनों प्रकार के आयुष्य होते हैं।
प्रश्न 24. उपशम किसे कहते हैं?
उत्तर : मोहकर्म की सर्वथा अनुदय अवस्था को उपशम कहते हैं। उपशम में मोहनीय कर्म का प्रदेशोदय व विपाकोदय, दोनों रुक जाते हैं। यह अवस्था मात्र अन्तर्मुहूर्त्त रहती है।