संस्कारों की नींव ज्ञानशाला के माध्यम से ही संभव
पीलीबंगा
मुनि अमृतकुमारजी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में ज्ञानशाला दिवस का हुआ भव्य आयोजन हुआ। नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण के पश्चात मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुनि अमृतकुमारजी ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा कि संस्कारों की नींव ज्ञानशाला के माध्यम से ही संभव है। ज्ञानशाला आपकी, आपके द्वारा, आपके लिए निरंतर चलती रहने वाली प्रवृति है। मुनि उपशमकुमारजी ने बच्चों को ज्ञानशाला में भेजने की प्रेरणा प्रदान की।
ज्ञानशाला के बच्चों ने विविध रोचक प्रस्तुतियां दी। प्रशिक्षिकाओं ने सामूहिक गीतिका के माध्यम से ज्ञानशाला की महता बताई। मूलचंद बांठिया, ओमप्रकाश पुगलिया, पुष्पा नाहटा आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन सतीश पुगलिया ने किया।