तपस्या है कर्म मुक्ति, बंधन मुक्ति का उपाय

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तपस्या है कर्म मुक्ति, बंधन मुक्ति का उपाय

साउथ कोलकाता
मुनि जिनेशकुमारजी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में मोनिका अमित बांठिया का मासखमण तप अभिनंदन का कार्यक्रम तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेशकुमारजी ने कहा- ‘मानव जीवन का परम उद्देश्य है- आत्मसाक्षात्कार और आत्मपरिमार्जन। आत्मसाक्षात्कार का उपाय धर्म है। धर्म मंगल है। धर्म से बढ़कर दूसरा कोई मंगल नहीं हो सकता। धर्म सब रोगों की चिकित्सा करने में सक्षम है। धर्म का एक प्रकार है तपस्या। तपस्या अनुत्तर है। तपस्या कर्म मुक्ति, बंधन मुक्ति का उपाय है। तप से शुद्धि होती है।  विरले व्यक्ति ही तपस्या कर सकते है। बहिन मोनिका ने छोटी वय में मासखमण कर अद्‌भुत साहस का परिचय दिया है। तप करना सरल है लेकिन पारणे में संयम रखना कठिन है। तप के बाद संयम की साधना जरूरी है।’
मुनि कुणालकुमारजी ने सुमधुर तप गीत का संगान किया। तप अनुमोदना कार्यक्रम में साउथ कोलकाता मंत्री कमल सेठिया, तेरापंथी सभा, कलकत्ता अध्यक्ष अजय भंसाली एवं तपस्विनी बहिन के परिवार की बहिनों ने भावों की प्रस्तुति दी। साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के संदेश का वाचन डॉ० प्रतिभा कोठारी व अभिनंदन पत्र का वाचन तेरापंथी सभा के पूर्व अध्यक्ष विजयसिंह चोरड़िया ने किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुनि परमानंदजी ने कहा कि जहां तप का दीप का जलता है, वहां घर-आंगन महक उठता है।