ज्ञानशाला दिवस  के विभिन्न आयोजन

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ज्ञानशाला दिवस के विभिन्न आयोजन

जलगांव
तेरापंथी सभा, जलगांव द्वारा मुनि आलोककुमारजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का अणुव्रत भवन में भव्य रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम में जलगांव एवं भुसावल ज्ञानशालाओं के ज्ञानार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के सामूहिक पाठ के द्वारा हुआ। प्रशिक्षिकाओं द्वारा मंगलाचरण किया गया। शेष महाराष्ट्र के आंचलिक संयोजक राजकुमार सेठिया, तेरापंथी सभा अध्यक्ष जितेंद्र चोरड़िया ने अपने विचार रखते हुए जलगांव ज्ञानशाला के कार्यों की प्रशंसा की। मुख्य प्रशिक्षका विनीता समदरिया ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। ज्ञानार्थी बच्चों द्वारा तीन प्रस्तुतियां दी गई। भुसावल ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने जैन एकता पर काफी सुंदर प्रस्तुति दी।
मुनि लक्ष्यकुमारजी ने अपनी खास शैली में ज्ञानशाला के सभी अक्षरों की सुन्दर व्याख्या की। मुनि हिमकुमारजी ने बच्चों के बालमन पर किस प्रकार अच्छी-बुरी बातों का असर होता है, इस पर पाथेय प्रदान किया। मुनि आलोककुमारजी ने अपने प्रेरणा पाथेय में फरमाया कि बच्चे हमारा भविष्य हैं, वे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं। कच्ची उम्र में उनके ऊपर जो संस्कारों का बीजारोपण होता है, वह पूरी उम्र उनके मस्तक पटल पर अंकित हो जाता है, अमिट हो जाता है।
इस कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला प्रशिक्षिका दक्षता सांखला, रितु छाजेड़ और आभार ज्ञापन मोनिका छाजेड़ ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तेरापंथी सभा मंत्री नीरज समदरिया, ज्ञानशाला संयोजक नोरतमल चोरड़िया, प्रशिक्षिका सुषमा चोरड़िया, मैनादेवी छाजेड़, रौनक चोरड़िया एवं तेयुप के सदस्यों ने अच्छा श्रम किया एवं साथ ही ज्ञानार्थी बच्चों व अभिभावकों का पूर्ण सहयोग मिला।