ज्ञानशाला दिवस  के विभिन्न आयोजन

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ज्ञानशाला दिवस के विभिन्न आयोजन

औरंगाबाद
छत्रपति संभाजीनगर में मुनि अर्हतकुमारजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम प्रातः मुनिश्री से मंगल पाठ सुनकर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों] प्रशिक्षिकाओं एवं सभा संस्थाओं के सदस्यों के साथ रैली का आयोजन हुआ।
तत्पश्चात कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा मंगल गीत से हुआ। मुनि जयदीपकुमारजी ने लघु कथा के माध्यम से बच्चों को धार्मिक संस्कार प्राप्त करने की प्रेरणा दी। तत्पश्चात नन्हें-नन्हें ज्ञानार्थियों द्वारा धार्मिक एबीसीडी की प्रस्तुति दी गई और ज्ञानशाला की बालिकाओं द्वारा गीतिका का संगान किया गया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिका माया मुथा ने अपने विचार प्रस्तुत किए। ज्ञानार्थियों द्वारा धार्मिक संस्कारों को आत्मसात करते हुए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरक नाटिका की प्रस्तुति दी गई। मुनि भरतकुमारजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि बच्चों को गर्भ में ही धार्मिक संस्कार दिए जाने चाहिए। घर का माहौल यदि धार्मिक होगा तो बच्चों में स्वयं ही धर्म के संस्कार आएंगे। सभा के अध्यक्ष कौशिक सुराणा ने अपनी अभिव्यक्ति दी।
मुनि अर्हतकुमारजी ने अपने उद्‌बोधन में अभिभावकों से बच्चों को ज्ञानशाला में भेजने की प्रेरणा दी तथा कहा कि आजकल के बच्चों को मोबाइल और कंप्यूटर का भौतिक ज्ञान तो होता है लेकिन धार्मिक ज्ञान नही होता। मुनिश्री ने अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों को मोबाईल से यथासंभव दूर रखने का प्रयास करें। कार्यक्रम का संचालन रंजना दुगड़ ने तथा आभार प्रदर्शन सन्मति सेठिया ने किया।