सकारात्मक सोच से जहर भी बन जाता है अमृत

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सकारात्मक सोच से जहर भी बन जाता है अमृत

लाडनूं।
अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं द्वारा द पावन आॅफ सब-काॅन्सियस माइंड कार्यशाला का आयोजन सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी लक्ष्यप्रभा जी के सान्निध्य में महिला मंडल भवन में किया गया। कार्यशाला का प्रारंभ सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी लक्ष्यप्रभा जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से किया गया। महिला मंडल की बहनों द्वारा गीत का संगान कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। निवर्तमान मंत्री नीता नाहर ने कहानी के माध्यम से बताया कि अवचेतन मन की सकारात्मक शक्ति के द्वारा हम किसी भी कार्य में सफलता कैसे प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य वक्ता के रूप में जैन विश्व भारती यूनिवर्सिटी के योग एवं सोल के एचओडी डाॅ0 प्रद्युमन शेखावत को बुलाया गया। द पावर आॅफ सब-काॅन्सियस माइंड पर प्रकाश डालते हुए सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी लक्ष्यप्रभा जी ने कहा कि मन को अगर शक्तिशाली बनाना है तो अवचेतन मन के साथ संपर्क स्थापित करना होगा। आपने कहा कि सकारात्मक सोच के द्वारा जहर भी अमृत बन जाता है। प्रेक्षाध्यान के द्वारा अवचेतन मन को हम सक्रिय कर सकते हैं। कम से कम 15 मिनट तक प्रेक्षाध्यान नियमित रूप से करना चाहिए। कार्यशाला में संयोजन मंत्री राज कोचर ने किया व आभार उपमंत्री राजश्री भुतोड़िया ने किया। कार्यशाला में महिला मंडल बहनों की अच्छी उपस्थिति रही।