दीक्षार्थी धनराज बैद का मंगलभावना समारोह

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दीक्षार्थी धनराज बैद का मंगलभावना समारोह

पीतमपुरा, दिल्ली।
शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने मंगलभावना समारोह में मुमुक्षु धनराज बैद को संबोधित करते हुए कहा-यह आचारांग सूत्र की अर्हत वाणी है। आप क्षण-क्षण साधना में जागरूक रहते हुए इसका पूर्णतः पालन करना। इसके साथ-साथ गुरु चरणों में सर्वात्मना समर्पित रहना। मोह विजय की साधना में पूर्णतः सफल होना। संघीय मर्यादाओं का अक्षरशः पालन करना। रत्नाधिक संतों का सम्मान करना। संघ के गौरव को सदा-सदा सुरक्षित रखना। यही मेरी मंगलकामना है।
शासनश्री साध्वी सुव्रतां जी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने एक प्रेरक सूत्र दिया था-‘रहें भीतर जीएँ बाहर’। आपने लंबे समय तक घर में रहते हुए प्रतिमा की साधना करते हुए इस प्रेरक सूत्र को हृदयंगम किया अब भविष्य के लिए और अधिकाधिक आत्मरमण करना है। शासनश्री साध्वी सुमनप्रभा जी ने राजा श्रेणिक और भगवान महावीर प्रसंग प्रस्तुत किया। धनराज जी के चेहरे पर प्रसन्नता टपक रही है। शब्द-शब्द में ‘अहो सुखं अहोसुखं’ की ध्वनि निकल रही है। यह त्याग-तपस्या का प्रभाव है।
इस समारोह का शुभारंभ महिला मंडल के संगान से हुआ। पीतमपुरा सभा के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने विभिन्न स्थानों से पधारे हुए आगंतुकों का सम्मान किया एवं दीक्षार्थी के प्रति मंगलभावना व्यक्त की। शालीमार बाग सभा मंत्री अनिरुद्ध जैन, तेयुप संगठन मंत्री जिनेश जैन, तेममं उत्तरी दिल्ली अध्यक्ष मधु जैन, पश्चिमी दिल्ली रीटा चोरड़िया, अणुव्रत समिति, दिल्ली अध्यक्ष मनोज जैन, अणुव्रत ट्रस्ट के पूर्व मंत्री अरुण संचेती, अणुव्रत पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक संचेती, तेरापंथी सभा, दिल्ली उपाध्यक्ष विमल बैंगानी, तेरापंथ महासभा उपाध्यक्ष संजय खटेड़, तेरापंथ सभा, दिल्ली पूर्व मंत्री डालिमचंद बैद, प्रीतमपुरा खिलौनी देवी धर्मशाला परिवार से राकेश जैन ने दीक्षार्थी का अभिनंदन किया एवं मंगलभावना प्रस्तुत की।
साध्वी कार्तिकप्रभा जी एवं साध्वी चिंतनप्रभा जी ने गीत प्रस्तुत किया। अंत में मुमुक्षु धनराज बैद ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे सिर पर साध्वी रतनश्री जी का एवं साध्वी सुव्रतांजी का बहुत उपकार है। आपने मुझे दीक्षा के लिए प्रेरित किया एवं साधु प्रतिक्रमण सिखाया। आचार्यश्री महाश्रमण जी ने मेरे पर अनुग्रह की वर्षा की है। जो ढलती आयु में मुझको दीक्षा प्रदान कर रहे हैं।
उपस्थित सभी श्रावक-श्राविकाओं से मैं शुद्ध अंतःकरण से क्षमायाचना करता हूँ। आपसे नम्र निवेदन है, जितनी बन सके उतनी धर्मसंघ की सेवा करें, बड़े सौभाग्य से यह नंदनवन शासन आपको मिला है। इसका पूरा-पूरा लाभ उठाएँ। सभी संस्था के पदाधिकारियों द्वारा माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सुरेंद्र मालू ने किया।