प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन
सिकंदराबाद।
साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में तेयुप के आयोजक्त्व में एक दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि प्रेक्षाध्यान आनंद, शांति और संतुष्टि की साधना है। स्वभाव परिवर्तन का अमोघ उपाय है। प्रेक्षा शब्द भगवान है, साहित्य में प्राप्त होता है। आचारांग में विपश्यना और पेहा शब्दों का उल्लेख मिलता है। प्रेक्षाध्यान प्रयोग करने के लिए इच्छुक-जन विदेशों से भी भारत आते हैं। साध्वीश्री जी ने कहा कि हर व्यक्ति को प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करने चाहिए। ध्यान में प्रवेश का पहला प्रयोग, पहला दरवाजा श्वास दर्शन है। प्रेक्षाध्यान का प्रशिक्षण लेना चाहे, वे पहले इसकी साधना करे। प्रेक्षा फाउंडेशन के द्वारा शिविरों का आयोजन होता है। प्रेक्षावाहिनी का हैदराबाद में नियमित व्यवस्थित क्रम चलना चाहिए।
साध्वी सुदर्शनप्रभा जी द्वारा मंगलभावना का प्रयोग करवाया गया। साध्वीवृंद ने प्रेक्षाध्यान गीत का सामुहिक संगान किया। तेयुप के अध्यक्ष निर्मल दुगड़ ने संपूर्ण परिषद को भावपूर्ण आत्मिक स्वागत प्रस्तुत करते हुए कहा कि साध्वीश्री जी की समय-समय पर विशेष प्रेरणा प्रदान की जाती है। श्रावक समाज के लिए एक दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन कर विशेष अनुग्रह किया है। साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी ने परिषद को प्रेक्षाध्यान के विशेष प्रयोग करवाए।
साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने प्रेक्षा सिद्धांत प्रशिक्षण दिया, जिसमें ध्वनि विज्ञान, मुद्राविज्ञान आदि की जानकारी दी। साध्वी राजुलप्रभा जी ने वृहद कायोत्सर्ग करवाया। प्रेक्षा प्रशिक्षक ललित मिश्रा एवं बबीता संचेती ने शिविरार्थियों को आसन, प्राणायाम, एक्युप्रेशर आदि प्रयोग करवाए। तेयुप के अध्यक्ष निर्मल एवं उनकी पूरी टीम ने एकजुट होकर इस शिविर को सफल बनाया।
कार्यक्रम में तेरापंथी सभा, महिला मंडल, तेयुप, टीपीएफ, अणुव्रत समिति, किशोर मंडल के सदस्य इस शिविर में प्रतिभागी रहे। तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद के मंत्री सुशील संचेती, परामर्शक लक्ष्मीपत बैद, अणुव्रत समिति की मंत्री रीटा सुराणा आदि उपस्थित रही।