आचार्य भिक्षु चरमोत्सव के आयोजन
तिरुपुर
साध्वी डाॅ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में भिक्षु चरमोत्सव मनाया गया। मंगलाचरण उपासिका संजू दुगड़ द्वारा किया गया। भिक्षु बाबा को सभा अध्यक्ष अनिल आंचलिया, प्रमोद सिंघवी, योगेश कोठारी, प्रकाश दुगड़, प्रीति भंडारी, मधु झाबक आदि ने अपनी भावांजलि अर्पित की। शाहदा से समागत दिलीप गेलड़ा ने अपने भाव रखे। कन्या मंडल से ज्योति सुराणा एवं पायल कोठारी ने गीतिका के माध्यम से अपने भाव व्यक्त किए।
साध्वी दक्षप्रभा जी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि जिसके आदि में, मध्य में, अंत में सिर्फ आत्मा है, आत्मा ही आत्मा है वह आचार्य भिक्षु है। एक ऐसी दृष्टि जिसमें निश्चय व व्यवहार का गुंथन है वे आचार्य भिक्षु है। साध्वी डाॅ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि भिक्षु सत्य के लिए जन्मे, सत्य के लिए चले, सत्य के लिए दीक्षित हुए, सत्य के लिए संघर्षों को सहा, सत्य के लिए सत्य में विलीन हो गए। हमें आचार्य भिक्षु को जानना है तो उनके सिद्धांतों को समझना होगा। आचार्य भिक्षु ने मर्यादा की जो रेखाएँ खींची, उसके कारण हमारा तेरापंथ धर्मसंघ पल्लवित व पुष्पित हो रहा है। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मेरूप्रभा जी ने किया।