विकास महोत्सव के विविध आयोजन

संस्थाएं

विकास महोत्सव के विविध आयोजन

हिसार
तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज जी के सान्निध्य में विकास महोत्सव सत्य भवन में मनाया गया। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ में विकास का मौलिक आधार हैµअनुशासन एवं एक आचार्य का नेतृत्व। अध्यात्म, अप्रमाद, अनुशासन के बिना विकास की प्रक्रिया को सुनियोजित ढंग से आगे नहीं बढ़ सकते। इसी दिन आचार्यश्री तुलसी पद पर अभिसित हुए। प्रतिवर्ष यह दिन पट्टोत्सव के रूप में मनाया जाता है। तेरापंथ धर्मसंघ के प्रथम आद्य प्रवर्तक आचार्यश्री भिक्षु स्वामी ने अपनी लौह लेखनी से अमिट रेखाएँ खींची व धर्मसंघ के लिए लक्ष्मण रेखाएँ बन गई। इन रेखाओं को लाँघने वाला व्यक्ति भविष्य के गर्त में सब खो देता है। आध्यात्मिक दृष्टि से विकास के पाँच बिंदुµज्ञान, दर्शन, चारित्र, तय, वीर्य है।
विकास के शलाका पुरुष हैं आचार्यश्री तुलसी, जिन्होंने शिक्षा, साहित्य शोध, आगम संपादन, अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन-विज्ञान, अहिंसा प्रशिक्षण, विहार क्षेत्र विस्तार, समण श्रेणी, विदेश यात्रा, पट्टोत्सव विकास आदि नए-नए आयाम उद्घाटन हमारी विकास की गति निरंतर आगे बढ़े। कार्यक्रम में महिला मंडल ने गीतिका का संगान किया। तेरापंथ सभा के मंत्री गौरव जैन, उपासक राजकुमार जैन, राकेश जैन आदि ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन मुनिश्री द्वारा मंगलपाठ से हुआ।