साध्वी पावनप्रज्ञा जी का संथारापूर्वक देवलोकगमन

साध्वी पावनप्रज्ञा जी का संथारापूर्वक देवलोकगमन

नंदनवन, मुंबई।
मुंबई के नंदनवन प्रांगण में साध्वी पावनप्रज्ञा जी का संथारापूर्वक देवलोकगमन हुआ। इनका जन्म टापरा ग्राम में सुंदरदेवी मांगीलाल पालगोता के परिवार में हुआ। आपकी दीक्षा हेम द्विशताब्दी के अवसर पर 20 फरवरी, 1997 को आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के करकमलों द्वारा हुई। समणी पर्याय में आपने भारत के विभिन्न प्रांतोंµमहाराष्ट्र, असम, बंगाल, बिहार, उड़ीसा सहित नेपाल आदि क्षेत्रों की यात्रा की। समणी दीक्षा के 25 वर्ष पश्चात आचार्यश्री महाश्रमण जी द्वारा पाँच अक्टूबर, 2023 को श्रेणी आरोहण कर साध्वी दीक्षा प्रदान की गई। आपकी जप-तप और स्वाध्याय में विशेष रुचि रहती थी। शारीरिक अस्वस्थता के पश्चात भी समता में रहकर सात दिन के संलेखना के पश्चात् आठवें दिन 11 अक्टूबर, 2023 को तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान आचार्यश्री महाश्रमण जी द्वारा करवाया गया। शारीरिक अस्वस्थता के दौरान अक्षयप्रज्ञा आदि ने अच्छी सेवा प्रदान की। आपके परिवार से तेरापंथ धर्मसंघ में साध्वी सहजप्रभा जी, साध्वी रतिप्रभा जी, साध्वी कलाप्रभा जी, साध्वी संकल्पप्रभा जी, समणी अक्षयप्रज्ञा जी (सगी बहन), समणी प्रणवप्रज्ञा जी आदि दीक्षित हैं। जीवन के अंतिम दिनों में आचार्यप्रवर द्वारा मंगलपाठ सुनकर आपको विशेष समाधि का अनुभव होता था। साध्वी दीक्षा के 10 दिन पश्चात् ही संथारापूर्वक 15 अक्टूबर, 2023 को देवलोकगमन हो गया।