अवचेतन मन की शक्ति शिल्पशाला का आयोजन
भीलवाड़ा।
अभातेममं के निर्देशन में तेममं, भीलवाड़ा द्वारा अवचेतन मन की शक्ति शिल्पशाला शासनश्री मुनि हर्षलाल जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, नागौरी गार्डन में आयोजित की गई। अवचेतन मन की शक्ति जग जाए तो दुनिया की हर सफलता आसान है। नवकार महामंत्र उच्चारण से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। शिल्पशाला विषय पर मुनि हर्षलाल जी ने कहा कि चेतन मन को सब जानते हैं पर अवचेतन मन को बहुत कम जानते हैं। चित्त हमारी चेतना है और मन अचेतन है। मन की दौड़ को कोई पकड़ नहीं सकता।
मुनि यशवंत कुमार जी ने चेतन अवचेतन मन के भेद का बहुत ही सुंदर, सरल विश्लेषण करते हुए बताया कि जो कुछ भी हम दिन-भर चिंतन करते हैं वह अवचेतन मन का विषय बन जाता है। अगर हम अवचेतन मन को शक्तिशाली, सक्रिय व मजबूत बना दें तो दुनिया का कोई भी कार्य असंभव नहीं है। हमारा लक्ष्य निर्माण हमारी रुचि, योग्यता, उपयोगिता अवसर और सामाजिक माँग अनुरूप हो तो हमें अवश्य सफलता मिल सकती है। मुनिश्री ने बताया कि लक्ष्य के प्रति प्रबल प्रेरणा, तनाव मुक्त मस्तिष्क, एकाग्रता और लक्ष्य प्राप्ति का साक्षात्कार करते हुए सकारात्मक चिंतन के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।
अभातेममं राष्ट्रीय सहमंत्री नीतू ओस्तवाल ने कहा कि जिंदगी में समस्याएँ तो होंगी पर हमें सोल्यूशन पर ध्यान केंद्रित करना है। सकारात्मक सोच के साथ सफलता का मुकाम पाना है यह तभी संभव है जब हमारे अवचेतन मन पावरफुल बनेगा। महिला मंडल अध्यक्षा मैना कांठेड ने स्वागत वक्तव्य के साथ शिल्पशाला विषय अवचेतन मन की शक्ति पर अपने विचार व्यक्त किए। शिल्पशाला कार्यशाला का संचालन सहमंत्री विनीता सुतरिया ने किया। कार्यशाला में तेममं की ओर से आभार प्रचार-प्रसार मंत्री नीलम लोढ़ा ने किया। पर्युषण पर्व पर कन्या मंडल एवं महिला मंडल द्वारा आयोजित रात्रिकालीन कार्यक्रम में संभागी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।